एकीकृत प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन की योजना बनाने में निभाई अग्रणी भूमिका’
संतेश्वरी ने हटकाचारामा की महिला स्वसहायता समूहों, पंचायत सदस्यों और स्वयंसेवी संगठन की मदद से वहां के उपलब्ध संसाधनों को देखते हुए विकेन्द्रीकृत तरीके से सभी लोगों की भागीदारी से कृषि सुधार के लिए पैच में योजना बनाने का निर्णय लिया। उन्होंने पारा-मोहल्ला स्तर की बैठकें आयोजित कर भूमि में संभावित विभिन्न सकारात्मक संरचनाओं और उनके उपयोग के बारे में किसानों व महिला समूहों के साथ चर्चा की। उसके प्रयास से विभिन्न हितग्राहियों की भागीदारी के साथ एक पंचायत स्तरीय एकीकृत प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन की योजना बनी।
संतेश्वरी की अपने गांव और महिलाओं के लिए विकास की सोच ने जमीनी स्तर पर बदलाव लाया। वित्तीय वर्ष 2020-21 में गांव में प्रति परिवार प्रदान किए जाने वाले रोजगार के औसत दिन 66 प्रतिशत से बढ़कर 87 प्रतिशत हुआ। मनरेगा के अंतर्गत गांव में सृजित कुल मानव दिवस रोजगार में महिलाओं का योगदान भी बढ़ा। वर्ष 2019-20 में यह 31 प्रतिशत था, जो 2020-21 में बढ़कर 36 प्रतिशत हो गया। चालू वित्तीय वर्ष 2021-22 में इसमें और भी इजाफा हुआ है। इस साल यह बढ़कर 37 प्रतिशत से अधिक हो गया है। संतेश्वरी के अकुशल श्रमिक से महिला मेट और बैंक सखी बनने के सफर ने उसकी जैसी अनेक महिलाओं को आगे बढ़ने और नया मुकाम हासिल करने के लिए प्रेरित किया है।