जांजगीर-चांपा

मालखरौदा बीएमओ की लापरवाही को लेकर कल मालखरौदा के ग्रामीणों द्वारा किया जा सकता है मुख्यमंत्री से लिखित शिकायत

मालखरौदा मे स्वास्थ्य की बिगड़ती दशा और डॉक्टरों की कमी से कोरोना काल में लोग परेशान हुए। मिली जानकारी के अनुसार मालखरौदा में पदस्थ डॉक्टर संतोष पटेल के स्थानांतरण तथा स्थगन आदेश लाने पर प्रभार नहीं देने से मालखरौदा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टरों की कमी से स्वास्थ्य व्यवस्था बिगड़ रही है। विदित हो कि मालखरौदा में मात्र चार नियमित डॉक्टरों की नियुक्ति है और अभी मालखरौदा में कोरोना संक्रमण के कारण स्थिति बेकाबू है जिसके कारण जनप्रतिनिधियों तथा लोगों में आक्रोश की भावना है ।एक ओर बदलते मौसम के कारण लोग बीमार हो रहे हैं तो दूसरी ओर कोरोना का आक्रमण , उस पर भी डॉक्टर संतोष पटेल जैसे वरिष्ठ डॉक्टर का ट्रांसफर और उस पर भी संतोष पटेल के द्वारा माननीय हाईकोर्ट से स्थगन आदेश लाने पर भी मालखरौदा बीएमओ डाक्टरी कात्यानी सिंह के द्वारा उन्हें पदभार ग्रहण नहीं कराया जाना ,लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ है और यह खिलवाड़ डाक्टर कात्यानी सिंह के द्वारा किया जा रहा है । बताया जा रहा है कि डा .कात्यायनी के द्वारा मरीजों का इलाज नहीं किया जा रहा है । इस बात की शिकायत जनप्रतिनिधि के द्वारा जब मोबाइल के माध्यम से की तो उन्होंने उल्टे जनप्रतिनिधि को बेवकूफ कह डाला। जन प्रतिनिधि के अनुसार डाक्टर कात्यायनी सिंह कोरोना के संभावित मरीज को छूने से डर रही है। वे कोरोना होने के भय से कोरोना मरीज को भगवान भरोसे छोड रही है। आज जब समाज को सबसे ज्यादा डाक्टर का भरोसा और जरूरत है ऐसे समय मे डाक्टर कात्यायनी सिंह अपनी कमाई के साधन ढूँढ रही है। उनके द्वारा जूनियर डाक्टर्स पर अपने मेडिकल स्टोर से दवाइयाँ लेने मजबूर किया जाता है।

मरीजो पर दबाब मरीजों पर दबाव बनाया जाता है की दवाई उनके ही मेडिकल स्टोर से लिया जाए और इसके लिए बकायदा उन्होंने तीनों जूनियर डॉक्टरों को अपने मेडिकल स्टोर के नाम से लेटर पैड बना कर दिया हुआ है और वहीं से दवाई लेने के लिए मरीजों पर दबाव बनाया जा रहा है यहां प्रश्न यह उठता है कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मैं जब शासन के द्वारा मानक दवाइयां भेजी जा रही हैं तो मरीजों को दवाई लेने के लिए बाहर से क्यों मजबूर किया जाता है ।

एम वे कंपनी के उत्पाद बेचना

डाक्टर कात्यायनी मालखरौदा के गरीब मरीजों को एमवे के महंगे उत्पाद लेने के लिए मजबूर करती हैं जबकि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में सरकार के द्वारा मानक दवाइयाँ भेजी जा रही और एम वे के महंगे उत्पाद को मालखरौदा की गरीब जनता नही खरीद सकतीे हैं । खासकर ऐसे समय में कोरोना के कारण आर्थिक मंदी छाई हुई है। एम वे महँगे उत्पादों को गरीब लोगों को दबावपूर्वक देना कहाँ तक जाये है।

लाइव भारत 36 न्यूज़ से विजय धिरहे की रिपोर्ट

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