.अवैध ईंट भट्ठा में पकता हुआ ईंट व फैलता प्रदूषण
.अवैध ईंट भट्ठा में पकता हुआ ईंट व फैलता प्रदूषण।
पटना। पर्यावरण सुरक्षा को बढ़ावा देने व पर्यावरण संतुलन बनाए रखने के लिए शासन प्रशासन के साथ साथ सामाजिक संगठनों के द्वारा पौधा रोपड़ करने के नाम पर हर साल लाखों रूपए खर्च किया जाता है पर पटना सहित क्षेत्र के ग्रामिण अंचलों में संचालित अवैध ईंट भट्ठों से फैलने वाले प्रदूषण को रोकने में जिला प्रशासन के संबंधित विभाग के अधिकारियों को कोई दिलचश्पी नहीं है जिसकी बदौलत अवैध ईंट भट्ठों के संचालन से एक ओर शासन को लाखों रूपए के राजस्व का नुकसान हो रहा है तो दूसरी ओर जमकर प्रदुषण फैल रहा है।
अपने फायदे के लिए लोगों के स्वास्थ्य और पर्यावरण की चढ़ रही है बली – अवैध ईंट भट्ठों का संचालन करने के लिए न तो जगह देखा जाता है और न ही इस बात का ध्यान रखा जाता है कि आस पास के लोगों को धुआं से परेशानी होगी, जहां पानी और मिट्टी की सुविधा मिलती है वहीं पर अवैध ईंट भट्ठे का संचालन शुरू हो जाता है, क्षेत्र के सभी ईंट भट्ठों में ईंट पकाने के लिए कोयला का उपयोग किया जाता है जिससे भारी मात्रा में धुआं निकलता है और वातावरण में फैलता है, भट्ठे से निकलने वाले धुआं से आम लोगों को परेशानी होती है लेकिन वे इसकी शिकायत भी नहीं कर पाते, धुआं के कारण लोगों के स्वास्थ्य पर भी बुरा असर पड़ रहा है वहीं पर्यावरण को भी जमकर नुकसान हो रहा है।
यहां संचालित है रिहायशी क्षेत्रों में अवैध ईंट भट्ठा – जिले के खनिज विभाग द्वारा क्षेत्र में संचालित बंगला भट्ठा संचालकों को ईंट भट्ठा संचालन करने की अनुमती नहीं दी गई इसके बाद भी पटना सहित क्षेत्र के करजी, कटोरा, करहिया खांड़, बरदिया, पीपरडांड़, कटकोना, मुरमा, टेमरी, , टेंगनी, गीरजापुर, पीपरा, तेंदुआ, छिंदिया, अमहर, तरगंवा, डबरीपारा, खांड़ा, जमगहना, महोरा, डकई पारा, चम्पाझर अंगा, पूटा आदि ग्राम पंचायतों के रिहायशी क्षेत्रों में अवैध रूप ईंट भट्ठा का धडल्ले से संचालन हो रहा है जिसे रोकने या सुध लेने की फुरसत खनिज विभाग के आला अधिकारियों को नहीं है।
चोरी की बिजली का उपयोग ईंट भट्ठों में बिल भूगतान कर रहे हैं ग्रामिण – बता दें कि अवैध ईंट भट्ठों में विद्युत्त विभाग द्वारा बिजली कनेक्शन नहीं दिया गया है लेकिन पानी एवं प्रकाश व्यवस्था के लिए सभी ईंट भट्ठों में चोरी की बिजली का उपयोग जमकर किया जा रहा है जिसके बिल का भूगतान अवैध ईंट भट्ठा संचालकों के बजाए ग्रामिणों को करना पड़ रहा है जिसकी जानकारी ग्रामिणों को भी नहीं है इसलिए बिजली चोरी होने की शिकायत भी ग्रामिण नहीं करते जिस दिन ग्रामिण यह समझ जायेंगे गांवों में होने वाली बिजली चोरी की भरपाई वैध कनेक्शन लेकर बिजली का उपयोग करने वाले उपभोक्ताओं को करना पड़ता है उस दिन से बिजली चोरी होनी भी कम हो जायेगी लेकिन विद्युत्त विभाग भी लोगों को जागरूक करने का प्रयास नहीं कर रही है और न ही अवैध ईंट भट्ठों में बिजली चोरी रोकने के लिए कोई कदम उठा रही है।
रिपोर्ट — अनिल पाण्डेय