कोरिया

डुमरिया का गोबरी नदी जहां से रेत निकाला जाता है


पटना। क्षेत्र के ग्राम पंचायत डूमरिया एवं पीपरा स्थित गोबरी नदी से ट्रेक्टर एवं अन्य चार पहिया वाहनों से हो रहे रेत परिवहन पर अंकुश लगाने के लिए वाहनों की धर पकड़ कर खनिज विभाग द्वारा की जा रही कार्यवाही पर अब सवाल उठने लगा है, लोगों का आरोप है कि उंची पहुंच वाले लोगों की गाड़ीयों को पकड़ने के बाद भी छोड़ दिया जाता है और छोटे तबके के बिना पहुंच वाले लोगों की रेत से भरी गाड़ीयों के साथ साथ सड़क में चलते पाए जाने पर खाली गाड़ीयों को भी रोक कर कार्यवाही कर दी जाती है जिससे क्षेत्र के ट्रेक्टर मालिक एवं अन्य चार पहिया वाहन मालिक परेशान हैं, परेशान वाहन मालिक एवं क्षेत्र के कुछ जनप्रतिनिधि इस तरह की कार्यवाही से परेशान होकर अब आंदोलन की तैयारी में जुट गए हैं।
मिली जानकारी के अनुसार इन दिनों पटना क्षेत्र में कोयला से भी महंगा और जरूरी रेत हो गया है, क्षेत्र के चितमार पारा, करजी, टेंगनी, टेमरी में कोल ट्रान्सपोर्ट में चलने वाले वाहनों से एवं कटोरा साईड़िंग से हर रोज कोयला चोरी का खेल महिनों से चल रहा है जिसे रोकने स्थानिय एवं जिला स्तर के संबंधित विभाग या अधिकारियों के द्वारा किसी प्रकार की कार्यवाही नहीं की जा रही है लेकिन क्षेत्र में चल रहे नीजी एवं शासकिय विभिन्न निर्माण कार्य उपयोग में लाने के लिए नदी से रेत परिवहन करने वाले वाहनों की धर पकड़ कर जमकर कार्यवाही की जा रही है जिसकी वजह से विभिन्न निर्माण कार्य में रेत की कमी पड़ने लगी है।
चल रही है आंदोलन की तैयारी – पिछले दो महिनों से रेत परिवह करने वाले वाहनों की धर पकड़ कर खनिज विभाग द्वारा स्थानिय स्तर पर रेत परिवहन का कार्य करने वाले ट्रेक्टर, चार चक्का वाहन मालिकों पर की जा रही कार्यवाही से सभी परेशान हैं, कार्यवाही करने में खनिज विभाग के अधिकारियों पर भेदभाव एवं सड़क में चलने वाले खाली गाड़ी को पकड़कर बेवजह परेशान करने का आरोप लगाते हुए वाहन मालिकों ने बताया कि ग्राम पंचायत डूमरिया, पीपरा एवं आस पास के ग्रामिणों को एक जुट कर अब इस तरह की कार्यवाही के खिलाफ में आंदोलन करने की तैयारी चल रही है, क्योंकि छोटे लोगों पर कार्यवाही हो रही है, बड़े लोगों पर कार्यवाही नहीं हो रही है, आज आंजो कला के राजेश साहू, आत्मज बंश बहादुर साहू की खाली ट्रेक्टर पेट्रोल पंप से डीजल डलाकर जा रहा था जिसे रनई में रोक कर जिला खनिज अधिकारी के निर्देशन में अधिकारियों द्वारा कार्यवाही कर दी गई। अवैध उत्खनन के नाम पर प्रशासननिक अधिकारियों के द्वारा लगातार धरपकड़ किया जा रहा है चूंकी शासन के कार्यों में ग्राम पंचायतों में निर्माणाधिन गौठान, शौचालय, प्रधानमंत्री आवास योजना, सामुदायिक भवन, आंगनवाड़ी भवन निर्माण के लिए आवश्यकता होती है। पटना क्षेत्र के ट्रेक्टरों को धरपकड़ की कार्यवाही तहसीलदार पटना एवं खनिज अधिकारी द्वारा किया जा रहा है जबकी बैकुन्ठपुर क्षेत्र के टीपर एवं अन्य चार पहिया वाहनों पर कार्यवाही नहीं किया जा रहा है इस तरह से क्षेत्र के लोग अपने ही क्षेत्र की रेत के लिए परेशान हो रहे हैं और क्षेत्र का रेत बे रोक टोक बैकुन्ठपुर ले जाया जा रहा है इसलिए सभी एक जुट होकर नदी से किसी भी वाहन को रेत नहीं ले जाने देंगे। रेत की वजह से शासकिय या नीजी काम प्रभावित होता है तो हो जाए हम अब नदी से रेत नहीं उठानें देंगे।
नहीं हुआ है खदान की निलामी – क्षेत्र के टेक्टर एवं अन्य चार पहिया वाहन मालिकों ने कहा कि ग्राम पंचायत डूमरिया के गोबरी नाला में पूर्व में रेत खदान शासन के नियमानुसार घोषित था उसी नदी के रेत का उपयोग कर सभी अधोसंरचना का कार्य हुआ है परंतु विगत 3 वर्षों से रेत रायल्टी (गौण खनिज) की राशि वसूली हेतु कोई पिट पास शासन द्वारा जारी नहीं किया गया है, नए सरकार के गठन के पश्चात रेत खदान की निलामी की प्रकिृया प्रारंभ की जानी थी जो अभी तक नहीं किया जा रहा है।
गौण खनिज रेत के खनन एवं व्यवसाय हेतु यह है सामान्य शर्तें – छत्तीसगढ़ गौण खनिज रेत उत्खनन एवं व्यवसाय विनियम निर्देश 2006 के मुताबिक संबंधित ग्राम पंचायत, जनपद पंचायत, नगरीय निकाय जिसके क्षेत्र में रेत खदान स्थित है तो उसे रायल्टी भुगतान कर गौण खनिज रेत का उत्खनन किया जा सकेगा। संबंधित ग्राम पंचायत, जनपद पंचायत, नगरिय निकाय रायल्टी का संग्रह तथा रेत खदानों की व्यवस्था करेगी, इस कार्य को ठेके पर देना पूर्णतः प्रतिबंधित है।
इन्हें मिलती है रायल्टी में छूट – छत्तीसगढ़ गौण खनिज रेत उत्खनन एवं व्यवसाय विनियम निर्देश 2006 के अनुसार अनुवांशिक कुम्हार, अनुसुचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति के सदस्य, उनकी ऐसी सहकारी सोसायटियां जो परम्परागत साधनों से केवल बर्तन बनाते हैं इनको उपरोक्त कार्यों के लिए रायल्टी में छूट रहेगी। स्वतः के निवास गृह निर्माण, कआं के निर्माण, मरम्मत या अन्य कृषि कार्य के लिए ग्रामों में रहने वाले कृषक, ग्रामिण कारीगर और मजदूरों को रेत के उपयोग पर रायल्टी में छूट रहेगी। क्षेत्रों के सार्वजनिक निर्माण कार्यों के लिए रेत के उपयोग पर रायल्टी में छूट रहेगी पर क्षेत्र के लोगों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है।

लाइव भारत 36 न्यूज़ से अनिल पांडे की रिपोर्ट कोरिया से

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