महासमुंद

पाॅच विभागों के जिला स्तरीय कामकाज की समीक्षा की


कलेक्टर ने गौठानों को सक्रिय कर स्वावलंबी बनाने दिया विशेष जोर 

महासमुन्द 18 जनवरी 2021/ कलेक्टर श्री डोमन सिंह ने आज यहां कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में जिला स्तरीय अधिकारियों की बैठक ली। कृषि, वेटनरी, उद्यानिकी, मत्स्य और रेशम विभाग के काम-काज की प्रगति की समीक्षा की। कलेक्टर श्री डोमन सिंह ने बारी-बारी से अधिकारियों से काम-काज का ब्यौरा लिया। उन्होंने जिले की सभी गौठानों को सक्रिय कर जल्दी स्वावलंबी बनाने के लिए विशेष जोर दिया। जिले में गौठानों को आजीविका केन्द्र के रूप में विकसित किया जाए। यहां बड़ी मात्रा में वर्मी कम्पोस्ट का निर्माण भी महिला स्व-सहायता समूह के माध्यम से किया जा रहा है। उन्होंने मत्स्य पालन अधिकारी को गौठानों का निरीक्षण कर मछली पालन, बत्तख पालन आदि की कार्ययोजना बनानें के निर्देश दिए। इसी तरह रेशम उद्योग को भी अपनी कार्ययोजना देने को कहा। कलेक्टर ने कहा कि गौठानों के पास बनें वाटर शेड का बेहतर उपयोग गौठानों केे लिए किया जाए। उन्होंने कृषि अधिकारी को गौठानों केे आस-पास बनें वाटर शेड की सूची देने को कहा।
कलेक्टर श्री डोमन सिंह ने पशु चिकित्सक से जिले में बर्ड फ्लु नियंत्रण एवं रोकथाम के लिए किए गए उपायों के बारें में जानकारी ली। कलेक्टर ने कहा कि बर्ड फ्लु के नियंत्रण एवं रोकथाम के लिए सभी कारगर कदम उठाए जाए। डाॅ. झारिया ने बताया कि बागबाहरा से तीन बगुलों की मौत हुई थी। जिसे जांच हेतु भोपाल भेजा गया था। उन्होंने कहा कि मौत की जांच रिपोर्ट निगेटीव आई है। उन्होंने अवगत कराया कि सरायपाली और बसना में दो-तीन पक्षियों की मृत्यु हुई है, उन्हें भी भोपाल भेजा गया है। डाॅ. ने बताया कि जिले में अभी बर्ड फ्लु के कोई केस सामने नहीं आया है।
ग्रामीण और शहरी गौठानों में क्रय किए गए गोबर एवं कम्पोस्ट खाद उत्पादन की जानकारी ली। कृषि एस.आर. डोंगरे ने बताया कि अब तक 78 ग्रामीण और 08 शहरी गौठानों में कुल एक लाख 34 हजार 342 क्विंटल गोबर खरीदा गया है। स्व-सहायता समूह की महिलाओं को 78957 क्विंटल प्रदाय किया गया। उन्होंने 1096 क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट खाद का उत्पादन किया। लगभग 400 क्विंटल की बिक्री की गई है। अधिकारी ने जानकारी दी कि 25 विभागों से 2800 क्विंटल की जैविक खाद की मांग आई हैं। जिसमें 400 क्विंटल से अधिक का उठाव संबंधित विभागों ने कर लिया है।
कलेक्टर श्री डोमन सिंह ने कहा कि गौठान ग्रामीण आर्थिक गतिविधियों को बढ़ाव देने के साथ ही ग्रामीणों और पशुपालकों की अतिरिक्त आमदनी का जरिया भी है। इसलिए वित्तीय प्रबंधन और वर्मी कम्पोस्ट के निर्माण से लेकर बिक्री तक का निर्धारण सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने अधिकारियों को कहा कि गोधन न्याय योजना के माध्यम से तैयार हुई वर्मी कम्पोस्ट की बिक्री जिले की बडे़ किसानों के साथ-साथ वन विभाग, कृषि, उद्यानिकी, नगरीय प्रशासन विभाग को पौध रोपण और उद्यानिकी के समय बड़ी मात्रा में खाद की आवश्यकता होती है। बेस की पूर्ति गौठानों में तैयार वर्मी कम्पोस्ट खाद से करें। उन्होंने बड़े किसानों और जिले के विभिन्न उद्योगों को कम्पोस्ट खाद क्रय करने के लिए प्रेरित करने की बात कहीं। उन्होेंने कहा कि जिन गौठानों में पैरा एकत्रित नहीं हुआ है, वहां किया जाए और किसानों को पैरादान करने के लिए कहा जाए।

लोचन चौधरी की रिपोर्ट

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