शिक्षा विभाग के समन्वयक द्वारा शिक्षकों से आॅनलाईन डाटा एण्ट्री के लिए राशि वसूल रहे हैं। इसके लिए प्रति शिक्षक 5सौ रू तक की राशि वसूलने की आडियो हुआ वायरल।
पत्थलगांव। भ्रष्टाचार को लेकर शिक्षा विभाग पर सवालिया निशान लगते रहे हैं। खरीद में गड़बड़ी से प्रशिक्षण के लिए आने वाली राशि में भ्रष्टाचार के आरोप विभाग के लिए आम बात हो गई है। खनिज न्यास निधि से खरीदे गए सामानों में लाखों रू की बंदरबांट के आरोपों की आंच अब तक सुलग रही है वहीं अब शिक्षा विभाग अपने कर्मचारियों को भी छोड़ने को तैयार नहीं है। आयकर फाॅर्म भरने के लिए शिक्षकों से वसूली के आरोप विभाग पर लगते रहे हैं वहीं अब शिक्षकों से राशि वसूलने के लिए विभाग ने नया फाॅर्मूला निकाला है। विभाग के समन्वयक शिक्षकों से आॅनलाईन डाटा एण्ट्री के लिए राशि वसूल रहे हैं। इसके लिए प्रति शिक्षक 5सौ रू तक की राशि वसूलने की बात सामने आई है। गौरतलब है कि छात्रवृत्ति समेत अलग-अलग तरह की जानकारियां शिक्षकों को विभाग के पोर्टल में आॅनलाईन एण्ट्री करानी होती है। सीएसी और कतिपय शिक्षकों ने इसे भी कमाई का जरिया बना लिया है। सोशल मीडिया में एक आॅडियो वायरल हुआ है जो एक सीएसी और शिक्षक के बीच बातचीत का बताया जा रहा है। इसमें कथित तौर पर सीएसी शिक्षक को आॅनलाईन एण्ट्री के लिए राशि वसूलने के निर्देश दे रहा है। यह शिक्षक संकुल प्रभारी के बदले आॅनलाईन एण्ट्री का काम कर रहा है। ‘आज का दिन‘ ने इस बारे मे विस्तृत जानकारी के लिए आॅडियो में कथित तौर पर बताए जा रहे समन्यक से फोन पर वस्तुस्थिति जाननी चाही तो उन्होंने बताया कि यह कार्य संकुल प्रभारी का होता है परंतु संकुल प्रभारी द्वारा कार्य में असमर्थता जताते हुए इसकी व्यवस्था के लिए किसी शिक्षक को लगाए जाने के निर्देश दिए जिस पर संकुल के ही एक शिक्षक द्वारा व्यवस्था के तहत यह कार्य संपादित किया जा रहा है। हालांकि वह इसके लिए किसी आदेश द्वारा अधिकृत नहीं किया गया है। उनका कहना है कि शिक्षक द्वारा आॅनलाईन एण्ट्री के लिए कम्प्यूटर और नेट खर्च के लिए कहा जा रहा था जिसके लिए राशि लेने की बातचीत हुई थी। हालांकि उन्होंने किसी भी शिक्षक से राशि लिए जाने से इंकार किया है। परंतु आॅडियो के वायरल होने से विभाग के जड़ों तक घर बना चुकी भ्रष्टाचार की सच्चाई एक बार फिर सबके सामने आ गई है। बताया जाता है कि यह वायरल आॅडियो विभाग के आला अधिकारियों तक भी पहुंचा है। बीईओ धनीराम भगत ने आॅडियो भेजे जाने की पुष्टि तो की है परंतु उन्होंने व्यस्तता के कारणों का हवाला देते हुए आॅडियो की सामग्री के बारे में जानकारी होने से अनभिज्ञता जताई है। हालांकि उन्होंने राशि की वसूली को गलत बताते हुए मामले की जांच कराने की बात कही है।
‘‘आॅनलाईन एण्ट्री के लिए राशि वसूलना गलत है। मामले की जांच कराई जाएगी। ‘‘
धनीराम भगत, बीईओ, पत्थलगांव
आॅनलाईन एण्ट्री के लिए आॅपरेटर होता है। इसके लिए राशि वसूलने का कोई आदेश जारी नहीं हुआ है। मुझे सीएसी का नाम बताइए। मामले की जांच कर कार्रवाई की जाएगी।‘‘
एन कुजूर, डीईओ, जशपुर
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