अनूप दुबे की आँखे हुई खराब, उनके लिए शासन की सभी योजनायें हुई बेकार रहने को घर नहीं, सोने को बिस्तर नहीं, अपना खुदा है रखवाला ऐसा ही एक मामला आया है
लाइव भारत 36 न्यूज से लवन से धीरेंद्र साहू की रिपोर्ट
जिला बलौदाबाजार के नगर पंचायत लवन में के एक नेत्रहीन व्यक्ति जो दर दर की ठोकर खा रहे हैं ।रहने को कोई घर नहीं,भोजन मिले तो खा लेता है नहीं मिलने पर भूखा पेट ही पड़ा रहता है काम कर नहीं सकता आँखे दिखाई नहीं देता शासन-प्रशासन की किसी भी योजनाओं का उसे लाभ भी नहीं मिल पा रहा है वही दृष्टिहीन अनूप कुमार दुबे उम्र 43 वर्ष ने अपने दर्द बयां करते हुए हमारे संवाददाता को बताया की विगत कई वर्षों से उन्हें कुछ भी दिखाई नहीं देता उनकी आंख की रोशनी पूरी तरह से चली गई है जिसे जिला स्वास्थ्य विभाग द्वारा उन्हें दृष्टिहीन प्रमाण पत्र भी प्रदान किया जा चुका है उन्होंने आगे बताया कि ना ही उनके मां-बाप है और ना ही कोई भाई बहन और ना ही कोई घर है कोई छत नही और कहि पर एक इंच जमीन भी नही है उनके पास एक रुपए पैसा भी नही है वह अभी नगर पंचायत कार्यालय परिसर मुख्य गेट के पास लॉकडाउन समय से खुले आसमान के नीचे रहते आ रहे हैं कोई लाकर देदे तो कभी खाना नसीब हो जाता है कई दिनों से खाना नहीं मिलने पर भूखा पेट ही जीवन यापन करने मजबूर है शारीरिक स्थिति ऐसी कि चलने फिरने में भी पूरी तरह असमर्थ हैं कहीं भी आ जा नहीं सकता उन्हें अभी शासन की कोई योजनाओं का लाभ नही मिल पा रहा है अनूप दुबे ने आगे बताया कि उनको शासन द्वारा पेंशन भी प्राप्त नहीं हो रहा है और पूर्व में बनाए गए राशन कार्ड का भी उन्हें लाभ नहीं मिल पा रहा है विभिन्न समस्या को लेकर वह 14 मार्च को बलौदा बाजार जिला कलेक्टर जनदर्शन में भी लिखित आवेदन जमा किए हैं लेकिन उन्हें अभी तक शासन प्रशासन की ओर से किसी भी प्रकार का सहयोग नहीं मिल पा रहा है जिससे वह दर दर की ठोकर खाने मजबूर हैं अकेले रहने एवं आंखों से कुछ भी दिखाई नहीं देने के कारण उन्हें अपने जीवन यापन करने में अत्यधिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है वही अनुप दुबे ने शासन प्रशासन से सहयोग करने की मांग की है