चारामा बिना ड्यटी किये प्रतिमाह कैशियर ले रहे वेतन

चारामा नगर पंचायत चारामा मे गबन के आरोपी कैशियर पर नगर पंचायत चारामा इतना मेहरबान है कि बिना ड्युटी किये प्रतिमाह कैशियर को वेतन समय पर दिया जा रहा है। जबकि प्रतिमाह लगातार छुट्टी में रहने के बाद भी नगर पंचायत की ओर से कार्य मे उपस्थित होने के लिए न ही कोई नोटिश दिया गया। जबकि नगर पंचायत की उपस्थिति पंजी में कैशियर के अनुपस्थित रहने के बाद भी उसके द्वारा अपनी मर्जी से उपस्थिति पंजी में अनुपस्थिति का काटकर उपस्थिति दर्ज की गई । शासकीय कागजों में छेडछाड के बाद भी खामोश नगर पंचायत की कैशियर से क्या साठ गांठ है। यह समझ से परे है। वर्तमान में बीते कुछ महिनो की ही बात करे तो जनवरी माह में महज 02 दिन फरवरी माह में 15 दिन और मार्च माह मे अभी तक 04 दिन ही कैशियर ड्यूटी पर रहा। दिसम्बर में शनिवार रविवार को छोड़कर महज 09 दिन ड्युटी पर रहे। जिसमे भी वे कई दिन उपस्थिति पंजी में हस्ताक्षर करने के बाद दिन भीर गायब हो गये। वही इस बात का भी पता चला कि कैशियर द्वारा 02 जनवरी 2023 से 22 जनवरी 2023 तक मेडिकल अवकाश का आवेदन नगर पंचायत चायना में दिया गया। लेकिन उपस्थिति पंजी मे इसी तिथि में उनके उपस्थिति पर हस्ताक्षर है। यानि एक ही आदमी एक ही दिनोंक पर छुट्टी में भी है और ड्यूटी पर भी जब अधिकारी की अनुमति से उपस्थित पंजी को देखा गया तो कैशियर द्वारा पुरे साल भर में इमानदारी से 70 दिन भी ड्यूटी नही की गई है। जबकि उनके द्वारा उपस्थिति पंजी में छेडछाड कर अनुपस्थिति जो कि लाल पेन से चढ़ाया गया है उसमें बाद मे नीले पेन से उपस्थिति दर्ज कर दी गई। लेकिन उनके इस कृत्यों पर नगर पंचायत अधिकारी या जनप्रतिनिधियो के द्वारा उनसे कभी सवाल या उन्हें शासकीय कागजो मे छेडखानी करने पर किसी भी प्रकार का नोटिश नही दिया गया। न कोई सवाल पूछे गये जबकि लगातार उनके अनुपस्थिति पर उनका फरवरी 2023 तक पूर्ण रूप से वेतन का भुगतान किया गया है। अब यह मेहरबानी नगर पंचायत के अधिकारी या जनप्रतिनिधि केशियर पर क्यों दिखा रहे हैं। यह बताने से अधिकारी और जनप्रतिनिधि बच रहे हैं। अब पुराने रिकार्ड पर जाये तो नगर पंचायत चारामा मे वर्ष 2013 से कैशियर पद पर पदस्थत दुलेश्वर कुमार सार्वा अपनी ज्वानिंग के बाद से ही लगातार कमी गबन तो कभी अनुपस्थिति और तो कभी पैसे की हेरापोरी के मामले में सुर्खियों में रहे है। वर्ष 2017-18 मे लगभग 04 लाख रूपये संयुक्त रूप से गबन के आरोप मे सपरिक्षक जगदलपुर की रिपोर्ट के आधार पर उन्हें 11 अगस्त 2021 को निलंबित किया गया और 29 अक्टुबर 2021 को वे पुनः बहाल हो गये। लेकिन गबन हुए पैसे का कोई हिसाब किताब नही हुआ। और आज भी 04 लाख रूपये के गबन की रिकवरी नही हो पाई है। इतने आरोपो के बाद मी 10 वर्षो से के एक ही नगर पंचायत मे पैर जमाये हुए हैं। जिसके चलते उनके कार्यों को अन्य दुसरे कर्मचारियों को करना पडता है। जबकि मार्च माह सभी विभागों के लिए अंतिम वित्तय माह होता है। जिसमे विभाग के सम्पूर्ण आय व्यय की जानकारी और वसुली करनी होती है और इसी माह मार्च में ये अभी तक महज 04 दिन ही उपस्थित रहे है। वही दुसरी ओर यह शासन के पैसे का दुरूपयोग भी है। शासकीय छुट्टीयो के अलावा मेडिकल छुट्टी और फिर लगातार अनुपस्थिति पर उन्हें लगातार समय पर वेतन देना भी शासन के पैसे का दुरूपयोग है जो कि लगातार नगर पंचायत के द्वारा किया जा रहा है। इस सम्बद्ध में नगर पंचायत सीएमओ दादुपाल सिंह ने कहाँ कि गबन की रिकअवरी के लिए उन्हें कई बार नोटिश दिया गया है, अनुपस्थिति पंजी से हुई है इसकी जानकारी मुडा नही थी. अनुपस्थिति के लिए भी कारण बताओ नोटिस दिया जायेगा

टिकेश्वर देवांगन की रिपोर्ट

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