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P.D.S. चावल घोटालेबाज सचिव लक्ष्मी प्रसाद सिदार ने जांच के दौरान लिखित में कबूले थे सारे आरोप, एसडीएम की अनुशंसा के बावजूद अब तक क्यों नहीं हो सका एफ आई आर??…!!

एसडीएम की कार्यवाही से नाखुश NHRCCB ब्लॉक अध्यक्ष दिनेश पटेल ने भेजा कलेक्टर को पत्र…आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत की कार्यवाही की मांग… आखिर आरोपियों को क्यों बचा रहे खाद्य अधिकारी और लैलूंगा एसडीएम…?

◆ क्या सच में तात्कालिक एसडीएम ने एफआईआर दर्ज करवाने अनुमोदन के लिये पत्र भेजा था कलेक्टर को…?
◆क्यो एसडीएम द्वारा मामले में केवल रिकवरी कार्यवाही कर मामले को दबाने, की जा रही कोसिस…?
◆आखिर कोई भी अधिकारी पूरी जानकारी देने क्यों नहीं है तैयार….?

रायगढ़ जिले के लैलूंगा तहसील अंतर्गत ग्राम पंचायत राजपुर में चावल पी.डी.एस. जांच के संबंध में श्री सदानंद निषाद ग्रा.पं. राजपुर तह. लैलूंगा के द्वारा कलेक्टर महोदय को किये गये शिकायत की जांच श्रीमती प्राची सिन्हा खाद्य निरीक्षक द्वारा दिनांक 9/9/2022 को खुद उपस्थित होकर किया गया था। उक्त दुकान ग्राम पंचायत को आबंटित किया गया है जो कि सचिव श्री लक्ष्मी प्रसाद सिदार द्वारा संचालित है। मौके पर पंचायत के सरपंच, सचिव, खाद्यान वितरण करने वाले सदस्य एवं हितग्राही उपस्थित पाए गये। दुकान खुला हुआ पाया गया साथ ही माह अगस्त के खाद्यान का वितरण होना पाया गया खाद्य निरीक्षक द्वारा मौके पर उपस्थित हितग्राहियों से बयान लेते हुए पूछताछ की कार्यवाही भी पूर्ण की गई ।

श्रीमती प्राची सिन्हा ने जांच परिवेदन में साफ उल्लेख किया कि आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 ( 1955 का सं. 10) की धारा 3/7 का तथा छ. ग. सार्वजनिक वितरण प्रणाली (नियंत्रण) आदेश 2016 के कण्डिका 11 (2) 15 का व दुकान की प्राधिकार पत्र की कण्डिका 21 का स्पष्ट उल्लंघन प्रदर्शित हुआ है। साथ ही पत्र क्रमांक 365 / खाद्य / 2020 अटल नगर दिनांक 29.7. 2020 का पालन भी नही किया गया है।

जिस संबंध में तात्कालिक एसडीएम ने तीन दिवस के भीतर पीडीएस संचालक सरपंच व सचिव को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए बयान दर्ज कराने की बात कही, खाद्य निरीक्षक से प्राप्त जानकारी के अनुसार NHRCCB के तहसील अध्यक्ष दिनेश कुमार पटेल ने बताया कि दिनांक 19/09/22 को खाद्य निरीक्षक द्वारा लिए गए बयान में सचिव लक्ष्मी प्रसाद सिदार ने सारे आरोपों को कबुल किया है लेकिन काफी कोशिशों के बाद भी बयान की कॉपी कार्यालय द्वारा उपलब्ध आज तक नहीं कराई गई है।

जिस संबंध में NHRCCB की जिला एवं तहसील की टीम ने तात्कालिक एसडीएम से मुलाकात कर मामले का संज्ञान लेना चाहा तो एसडीएम ने मामले में एफआईआर दर्ज करवाने कलेक्टर महोदया के अनुमोदन की आवश्यकता बताते हुए मामले को टाल दिया, व लगभग महीने भर पश्चात भी आज तक एफआईआर दर्ज न होना मामले में कहीं न कहीं अनेक संदेहों को जन्म देता है।

मामले को लेकर जब हमने बात करनी चाही तो खाद्य अधिकारी का विगत तीन दिनों में फ़ोन न उठाना एवं नंबर क्षेत्र से बाहर होना भी अनेक संदेहों को जन्म देता है।

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