अर्जुनी वन परिक्षेत्र में करंट के चपेट में आने से वयस्क मादा भालू की मौत.
बलौदा बाजार :– करेण्ट की चपेट में आने से वयस्क मादा भालू की मौत हो गई ,घटना की सूचना मिलते ही वन परिक्षेत्र अधिकारी टी आर वर्मा स्टॉफ के साथ मौके पर पहुंचकर भालू को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम कराया और पोस्ट – मार्टम के बाद SDO ( वन ) के समक्ष शव का निरस्त्रीकरण किया गया। मामले में विद्युत विभाग के अधिकारी कर्मचारियों के खिलाफ वन संरक्षण अधिनियम 1972 एवं वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम 1980 के विभिन्न धाराओं के तहत कार्यवाही की जा रही है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार कसडोल उप वन – मण्डल के अर्जुनी वन परिक्षेत्र के अंतर्गत आरक्षित वन कक्ष क्र 377 छाता पहाड़ के पास विद्युत तार के ऊपर पेड़ की डंगाल टूटकर गिर जाने के कारण तार जमीन पर आ गया था , इस बात की जानकारी होते ही वन विभाग के मैदानी कर्मचारियों ने अपने उच्च अधिकारियों को दी एवं उनके निर्देशानुसार जानमाल की क्षति की आशंका से गिरौदपुरी विद्युत वितरण उपकेन्द्र के कनिष्ठ यंत्री गिरधर कुमार को तार टूटने की जानकारी आज से चार दिन पहले फोन पर सूचना दी । सूचना देने के दो दिन बाद याने 30 अगस्त के शाम के समय विद्युत विभाग के कर्मचारी राजेश धीरहि , रमेश कश्यप , महंगू दास भार्गव , तरुण कुमार कुर्रे आए थे और क्या किए या नहीं किसी को नहीं मालूम आज तड़के जंगल लकड़ी बीनने जाने वाले लोगों ने करेण्ट की चपेट में आने से भालू के मरने की सूचना वन विभाग के स्थानीय कर्मचारियों को ग्रामीणों ने दी। ग्रामीणों की सूचना पर वन विभाग का अमला घटनास्थल पर पहुंचे और देखा तो एक भालू मृत पड़ा हुआ है और विद्युत तार से उस समय भी करेण्ट प्रसारित हो रही थी। घटना की सूचना मैदानी कर्मचारियों ने तत्काल रेन्जर एवं उच्च अधिकारियों को दी घटना की सूचना मिलते ही रेन्जर T R वर्मा तुरंत मौके पर पहुंचे
वनकर्मियों ने घटना की सूचना फोन पर कनिष्ठ यंत्री गिरौदपुरी गिरधर कुमार को सुबह 9 बजे दी थी लेकिन मात्र 4 कि मी की दूरी पर स्थित विद्युत वितरण उप केन्द्र से विद्युत विभाग के कर्मचारी दोपहर 12 बजे तक याने 3 घन्टे के इंतजार के बाद भी नहीं पहुंचे तो रेन्जर टी आर वर्मा ने वन विभाग के विद्युत के जानकार कर्मचारियों से पहले चालू विद्युत प्रवाह को बन्द कराया और पंचनामा के बाद मृत भालू के पोस्टमार्टम कराया। पोस्टमार्टम करने वाले पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ योगेश साहू ने बताया कि मृत भालू वयस्क मादा थी उसके दाहिने आंख के ऊपर , दाहीने पीछे पैर में जलने के निशान हैं तथा विद्युत का तार उसके मुंह में दांतों के बीच फंसा हुआ था जो कि बहुत प्रयास के बाद भी नहीं निकल पाया इसलिए मुँह के दोनों ओर 1 – 1 मीटर लंबाई तक तार को काटना पड़ा । एस डी ओ ( वन ) यू एस ठाकुर के समक्ष पोस्टमार्टम के बाद भालू के शव को जलाकर निरस्त्रीकरण किया गया । इस संबंध में एस डी ओ यू एस ठाकुर ने बताया कि आज की जो घटना हुई है उसमें विद्युत विभाग के अधिकारी कर्मचारियों की घोर लापरवाही नजर आ रही है क्योंकि विद्युत तार टूटने की जानकारी हमारे कर्मचारियों द्वारा फोन से कनिष्ठ यंत्री को 28 अगस्त को ही जानमाल की क्षति की आशंका से सूचना दे दी थी फिर भी उनके द्वारा विद्युत प्रवाह विच्छेद नहीं किया गया जिसके कारण आज भालू की मौत हो गई । इस मामले विद्युत विभाग के डी ई टी आर धीवर , ए ई वासुदेव साहू , जे ई गिरधर कुमार , सहायक राजेश धीरहि ,रमेश कश्यप ,महंगू दास भार्गव , तरुण कुर्रे के खिलाफ वन्य प्राणी संर – क्षण अधिनियम 1972 की धारा 9 , 50 ,51 ,52 वन संरक्षण अधिनियम 1980 की धारा 2 एवं 3 के तहत कार्यवाही की गई है । इस मामले में वन परिक्षेत्र सहा- यक रामकुमार विश्वकर्मा , वन रक्षक राजेश्वर वर्मा, सुनीता पैकरा , चन्द्रभूवन मनहरे, तृप्ति जायसवाल , सोहन यादव,नरोत्तम पैकरा की अहम भूमिका रही।
लाइव भारत 36 न्यूज़ से कमल देवांगन की रिपोर्ट