जाति प्रमाण पत्र प्राप्त करना अब और सरल : ग्राम सभा का संकल्प और नगरीय निकायों की उद्घोषणा मानी जाएगी साक्ष्य
छत्तीसगढ़ शासन द्वारा अनुसूचित जाति, जन जाति एवं पिछड़ा वर्ग के लोगों को जाति प्रमाण पत्र (सामाजिक प्रास्थिति प्रमाण पत्र) जारी करने की प्रक्रिया का सरलीकरण किया गया है। राज्य शासन के सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जिलों के कलेक्टरों को पत्र जारी कर निर्देश दिए गए हैं कि छत्तीसगढ़ अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग (सामाजिक प्रास्थिति के प्रमाणीकरण का विनियमन) नियम 2013 के प्रावधानों के तहत जहां जाति को प्रमाणित करने हेतु कोई दस्तावेजी प्रमाण उपलब्ध नहीं हो तो ग्राम सभा द्वारा आवेदक की जाति के संबंध में परित संकल्प को मान्य करते हुए जाति प्रमाण पत्र जारी किया जाए। इसी तरह से नगर पंचायत या नगरपालिका परिषद अथवा सामान्य सभा द्वारा की गई उद्घोषणा को जाति तथा मूल निवासी के सम्बंध में साक्ष्य के रूप में मान्य करते हुए निमयानुसार सक्षम प्राधिकरी द्वारा जाति प्रमाण पत्र जारी किया जाये।
विनोद साहू लाइव भारत 36 न्यूज़ कांकेर