सर्व आदिवासी समाज ने किया जिलाधीश कार्यालय का घेराव
कोरबा न्युज
( 19 फरवरी 2021-जिले में 5वीं अनुसूचि के तहत पूर्णतः पेसाकानून का पालन, जनसंख्या के अनुपात में जिला खनिज न्यास मद को जिले के ग्राम पंचायतों में विभाजन, सरपंचों का वेतनमान 20 हजार करने और सांसद, विधायक की तरह सरपंचों को पेंशन लागू करने जैसे सात सूत्रीय मांगों को लेकर सर्व आदिवासी समाज और सरपंच संघ ने जिलाधीश कार्यालय का घेराव किया। जिलाधीश कार्यालय का घेराव करने के पहले अपनी एकजुटता दिखाने समाज के लोग बुधवारी स्थित आदिवासी शक्तिपीठ में इकट्ठा हुवे और वहीं से पैदल विशाल रैली निकालकर कलेक्टोरेट की ओर कुच किये। पैदल रैली के दौरान उनके हाथों में पारंपरिक तीर-कमान थे। सर्व आदिवासी समाज के कलेक्टोरेट घेराव के मंसूबे को फैल करने पुलिस प्रशासन ने भले ही कोसाबाड़ी चौक पर बेरीकटिंग की थी लेकिन उस बेरीकेटिंग को तोड़ने प्रदर्शनकारी सफल हो गए भले ही पुलिस और उनके बीच थोड़ी झूमाझटकी हुई। बेरीकेटिंग तोड़ने के बाद समाज के लोग कलेक्टर की ओर बढ़ने लगे। आनन-फानन में कलेक्ट्रेट के दोनों गेट को बंद किया गया जिससे आक्रोशित होकर समाज के लोग सड़क पर ही बैठ गए और कलेक्टर से मांगों को लेकर बातचीत करने और ज्ञापन सौंपने की बात को लेकर सड़क पर ही डटे रहे। सर्व आदिवासी समाज की मांग थी की जब तक कलेक्टर खुद आकर बात ना करें तब तक वह सड़क से हटेंगे नहीं ऐसे में कोरबा तहसीलदार सुरेश साहू ने प्रदर्शनकारियों को समझाया और 23 फरवरी को समाज के 10 लोगों को कलेक्टर मैडम से मिलाकर बातचीत करने का आश्वासन दिया तब जाकर प्रदर्शन खत्म हुआ। समाज प्रमुख और जिले के सरपंच संघ के अध्यक्ष सेवक राम मरावी ने इस दौरान कलेक्टर किरण कौशल पर आरोप लगाया कि कलेक्टर आदिवासियों की बात नहीं सुनती उनका तालमेल आउटसोर्सिंग लोगों के साथ है।
गौरतलब है कि कोरबा जिला पांचवी अनुसूची के अंतर्गत आता है जिसके अंतर्गत ही पेसा कानून लागू करने की मांग उठ रही है क्योंकि पेसा कानून एक सरल व व्यापक शक्तिशाली कानून है जो अनुसूचित क्षेत्रों की ग्रामसभाओं को क्षेत्र के संसाधनों और गतिविधियों पर अधिक नियंत्रण
प्रदान करता है। यह अधिनियम संविधान के भाग 9 जो कि पंचायतों से सम्बंधित है का अनुसूचित क्षेत्रों में विस्तार करता है।
लाइव भारत36 न्यूज़ से बोधन चौहान