कोरिया

गुप चुप तरीके से पटना में किया गया निःशुल्क खण्ड़ स्तरीय होम्योपैथी चिकित्सा शिविर एवं कोविड़-19 जागरूकता शिविर का आयोजन

गुप् चुप तरीके से पटना में किया गया निःशुल्क खण्ड़ स्तरीय होम्योपैथी चिकित्सा शिविर एवं कोविड़-19 जागरूकता शिविर का आयोजन
पटना। निःशुल्क खण्ड़ स्तरीय होम्योपैथी चिकित्सा शिविर एवं कोविड़-19 जागरूकता शिविर का आयोजन पटना के पानी टंकी मैदान में जिला आयुर्वेद अधिकारी बैकुन्ठपुर के आदेश पर किया गया लेकिन आयोजित शिविर से क्षेत्र के लोग अनजान रहे, बाजार में पहुंचने वाले कुछ लोगों संकोच करते हुए शिविर तक पहुंचे इसके बाद भी शिविर में आकर जांच कराने वाले मरीजों की संख्या कागजों में 500 दर्ज कर महज खाना पूर्ति कर ली गई।
बता दें कि जिला आयुर्वेद अधिकारी कोरिया द्वारा 1 फरवरी को जारी आदेश के मुताबिक 6 फरवरी को सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक बैकुन्ठपुर विकासखण्ड़ के अंतर्गत पटना में द्वितीय विकासखण्ड़ स्तरीय मेला एवं कोविड़ 19 जागरूकता शिविर का आयोजन किया जाना था, शिविर में पहुंचने वाले रोगियों के ईलाज एवं दवा वितरण के लिए आयुर्वेदिक चिकित्सा अधिकारी डां. बीआर नायक, डां. मनोज सिंह तोमर, गितेश कुमार पटेल, डां. श्रृति थवाईत, डां. उत्तम कुमार केशर, डां. पुष्पा सिंह, फर्मासिस्ट पूरण सिंह आयम, रोहित लाल भारिया, पंचकर्म सहायक गजेन्द्र कुमार साहू, औषधालय सेवक पिताम्बर सिंह नेताम, शिव कुमार साहू, पीटीएस अतर साय, राकेश कुमार रजक की डियूटी लगाई गई और 6 फरवरी को पटना के पानी टंकी मैदान में टेन्ट लगाकर शिविर का आयोजन किया गया जिसकी जानकारी नगर पटना के साथ साथ क्षेत्र के ग्रामिण अंचल के ग्रामिणों के अलावा क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों को भी नहीं दी गई जिसके चलते शिविर में पहुंचने वाले रोगियों की संख्या कम रही हालांकी शनिश्चरी बाजार का दिन होने के कारण कुछ ग्रामिण संकोच करते करते शिविर तक पहुंचे और अपनी बिमारी को बताकर ईलाज कराते हुए निःशुल्क दवाईयां लिए। लेकिन औपचारिकता पूरी करते हुए शिविर में 500 लोगों का स्वास्थ्य जांच ईलाज के साथ साथ दवाईयां वितरण करने की जानकारी कागजों में दर्ज कर लिया गया।
जरूरतमंदों को मिलता लाभ
आयोजित निःशुल्क होम्योपैथी चिकित्सा शिविर का आयोजन कभी कभार ही पटना में होता है, साल मे एकात बार शिविर का आयोजन होे गया तो बहुत हो गया इसलिए लोगों को शिविर का इंतजार रहता है पिछले वर्ष सुबह 10 बजे से लेकर शाम को अंधेरा होने के बाद भी शिविर में रोगी पहुंच रहे थे लेकिन इस साल प्रचार प्रसार तो दूर क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों को भी शिविर से दूर रखे जाने के कारण अधिकांश लोग शिविर का लाभ लेने से वंचित हो गए। प्रचार प्रसार कर शिविर का आयोजन किया जाता तो क्षेत्र के जरूरत मंदों को शिविर का अच्छा लाभ मिलता।

रिपोर्ट — अनिल पाण्डेय

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