जशपुर जिला

जिले के ग्रामीण आदिवासी क्षेत्रों में दशकों से रह रहे लोगों के वनाअधिकार पट्टा बनाने की कवायद जारी है। लेकिन इस काम में भारी प्रशासनिक लापरवाही और गड़बड़ी के मामले सामने आ रहे हैं।पढ़िये क्या है पूरा मामला……

फरसाबहार:- जिले के ग्रामीण आदिवासी क्षेत्रों में दशकों से रह रहे लोगों के वनाअधिकार पट्टा बनाने की कवायद जारी है। लेकिन इस काम में भारी प्रशासनिक लापरवाही और गड़बड़ी के मामले सामने आ रहे हैं। पटवारी दस्तावेजों की जांच और निरीक्षण किए बिना ही लोगों को अपात्र घोषित कर रहे हैं।
बता दें कि जशपुर जिल के अंकिरा, पेटामारा गांव में पटवारी ओसवाट खलखो ने 63 लोगों के वनाअधिकार पट्टे के लिए दिए गये आवेदन को निरस्त कर दिया है। पटवारी ने दस्तावेजों की समुचित जांच किए बिना ही 63 ग्रामीणो को अपात्र करार दे दिया है। जिसके बाद इन सभी लोगों के आवेदन खारिज कर दिए गए हैं। वहीं इससे पहले वाले पटवारी प्रमोद भगत ने सभी लोगों के दस्तावेजों की जांच कर उन्हें वनाधिकार पट्टा के लिए पात्र बताया था।
इसे लेकर ग्रामीणों का कहना है कि उनकी कई पीढ़ियां दशकों से इसी स्थान पर निवासरत हैं। कई लोगों के पास तो 1923 से पहले के दाखिल खारिज हैं। साथ ही उनके पास सभी दस्तावेज उपलब्ध हैं। इससे पहले वाले पटवारी ने ग्रामीणों के दस्तावेजों का निरीक्षण किया था। जिसके बाद उन्हें पट्टा के लिए पात्र बताया था। साथ ही इस संबंध में दस्तावेज भी बनवाए थे। लेकिन नए पटवारी ने बिना जांच किए बिना ही उनके आवदेन निरस्त कर दिए।

खाली प्रपत्र पर करवाया दस्तखत
ग्रामीणों का आरोप है कि अचानक 1 फरवरी को पटवारी पेटामारा गांव पहुंचे। पटवारी अपने साथ स्थल जांचनामा का प्रपत्र लेकर आए थे। पटवारी ने खाली कागज पर सभी से दस्तखत करवा लिया। जिसके बाद घर जाकर सभी प्रपत्रों को खुद से भरा। जिसमें लिखा कि काबिज नहीं होने और 75 साल के दस्तावेज नहीं होने के कारण अपात्र किया जाता है। सभी 63 आवेदनों को पटवारी ने ऐसे ही अपात्र कर दिया।

Reported by Santosh Kumar Sharma

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button