भाजपा युवा मोर्चा के कार्यकर्ता नरेंद्र जायसवाल ने राज्य सरकार पर लगाए किसानों के साथ छल करने का आरोप
धान खरीदी के आड़ में हिटलरी फ़रमान चला रही है राज्य सरकार
जांजगीर चांपा। 1 दिसम्बर से आरंभ हुआ धान खरीदी पर नरेंद्र जायसवाल का कहना है कि व्यक्तिगत ग्राउण्ड रिपोर्ट राज्य सरकार द्वारा 2500/ में धान खरीदी का वादा किया गया था। आज वही सरकार सत्तारूढ़ हो कर किसानो से 1,868 रुपये में खरीद कर रही है। जिसमे पतले धान का रेट 1,888 दे रही है। किंतु पैसा किसानों के खाते तक आने में कम से कम 1सप्ताह लगेगा और उस पर भी पहले कृषि ऋण की राशि एकमुश्त काट ली जाएगी। बचत राशि 632/ प्रति क्विंटल की राशि सरकार कब और कैसे देगी यह तय नही है। जबकि केंद्र सरकार 1,868 रुपये का भुगतान कर ही रही है। वहीं किसानों की और भी समस्या है जिसमे धान में नमी 17 प्रतिशत स्वीकार्य किया जाएगा,परन्तु राज्य सरकार की लापरवाही और देर से खरीदी कि वजह से नमी 13% तक गिर ही चुका है और इसका सीधा नुकसान किसानों को ही उठाना पड़ रहा है, फसलों के वजन में कमी होने का नुकसान भी किसानों को ही होगा। यह स्थिति तब है जब खरीदी टोकन 1 से 5 तरीख के बीच है। जैसे ,जैसे यह समय बढ़ता जाएगा इस सुखत का नुकसान किसानों को भोगना पड़ेगा, सरकार ने 1 एकड़ में अनुमानित 15 क्विंटल की सीमा निर्धारित की है जबकि फसल अच्छी और उन्नत क़िस्म की कृषि हो तो 1 एकड़ में अनुमानित पैदावार 20 से 25 क्विंटल भी धान होता है,धान के मुद्दे पर सत्ता में आई कांग्रेस सरकार लगातार किसानों और प्रदेशवासियों को गुमराह कर रही है और मात्र झूठे वादे से भ्रम पैदा कर रही है, यहीं पर बात खत्म नही हुई सरकार द्वारा किसानों के रकबा की कटौती अलग से की जा रही है। जिससे किसान दोहरी मार झेल रहा है। ऐसा ही चलता रहा तो किसान आत्महत्या के लिए मजबूत हो जाएंगे। उपरोक्त विषय पर किसान हितैषी संगठन और अन्य राजनीतिक दलों को छ ग सरकार का विरोध करना चाहिए ताकि किसानों को न्याय मिले और किसानो के साथ ही रहे छलावे और सरकार की दोहरी नीति प्रदेश वासियों के सामने उजागर हो।
लाइव भारत 36न्यूज से विजय धिरहे