पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग में 10 से 15 सालों से कार्यरत संविदा कर्मचारियों को 2 से 3 माह के भीतर नियमित करने का हाईकोर्ट का आदेश
बिलासपुर। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग में 10 से 15 सालों से कार्यरत संविदा कर्मचारियों ने नियमितीकरण के लिए हाई कोर्ट में याचिका दायर की है। मामले की सुनवाई के बाद कोर्ट ने राज्य शासन को याचिकाकर्ता कर्मचारियों का तीन माह के भीतर नियमित करने का आदेश दिया है। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अंतर्गत तृतीय व चतुर्थ श्रेणी के पद पर संविदा कर्मचारियों की भर्ती की गई थी। इन संविदा कर्मियों को काम करते हुए 10 से 15 साल हो गए हैं। नियमितीकरण की मांग को लेकर पुरुषोत्तम साहू, सुरेश तोमर सहित 18 संविदा कर्मचारियों ने वकील विकास दुबे के माध्यम से हाई कोर्ट में याचिका दायर की है। इसमें बताया गया है कि सभी याचिकाकर्ता अपने अपने पदों के लिए निर्धारित योग्यता व अनुभव रखते हैं। उनकी नियुक्ति खुली भर्ती प्रक्रिया के तहत हुई थी।
उनका कार्य संतोषजनक होने पर प्रतिवर्ष उनकी सेवा अवधि बढ़ाई गई है। वे लगातार अपनी सेवाएं दे रहे हैं। याचिका में बताया गया है कि राज्य शासन ने वर्ष 2018 में संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण के लिए वरिष्ठ अधिकारियों की समिति बनाई थी। समिति ने याचिकाकर्ता कर्मचारियों को नियमित करने के योग्य पाया है। लेकिन, अभी तक समिति ने अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं की है। इसके चलते राज्य शासन द्वारा नियमित करने का आदेश जारी नहीं किया जा रहा है। याचिकाकर्ताओं में भृत्य, चौकीदार, वाहन चालक, लाइब्रेरियन सहित अन्य कर्मचारी शामिल हैं। इस मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस पीसैम कोशी ने राज्य शासन को याचिकाकर्ताओं को तीन माह के भीतर नियमित करने का आदेश दिया है।
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