कांकेर जिले में बिहान योजना के अंतर्गत महिलाये बना रही गोबर के दिये
कांकेर खबर
आज हम बात करेंगे एक अनोखी चीज कि जिसें पहले कभी नही देखे होगें जी हां हम बात कर रहे है दिये को आप सभी जानते है कि दिया जो है मिट्टी से निर्माण किया जाता है और इसका उपयोग नवरात्री मे ज्योत जलाने एवं दीपावली मे दीपक के रूप में अपने अपने घरो को सजाने के रूप में इस्तेमाल करते हैं आपको बता दे आज जिस दिये कि हम बात कर रहे हैं वो एक अनोखा दिया है जिसे मिट्टी से नही बनाया जाता है परन्तु इसे गाय के गोबर से बनाया जाता है और
इस अनोखी दिए का निर्माण कांकेर से महज 25 किलोमीटर की दूरी से लगे ग्राम लिलवापहर मे बिहान योजना के तहत जय माँ वैष्णो देवी समूह की महिलाओं के द्वारा किया जा रहा है जो कि एक अनुठी पहल हैं।
दीपावली का त्यौहार जैसे जैसे नजदीक आ रहा है वैसे वैसे समूह की महिलाओ के द्वारा तैयार किया जा रहा है एक अनोखी दिए का निर्माण यह दिया गाय के गोबर से बनाया जा रहा है व बाजार मे इस दिए की मांग बढ़ती जा रही है समूह की महिलाओ का कहना है की दिए की मांग बढ़ने से अच्छी आमदनी भी हो जाती है और दिए को बनाने मे अत्यधिक मेहनत भी नहीं करना पड़ता है और समय की बचत हो जाता है तथा दिए बनाने से रोजगार का साधन भी बन जाता है इस दिए को बनाने का उदेश्य यह है की यह दिए को जलाने से आसपास की जो कीटाणु होते है वो नष्ट हो जाएंगे व प्रदुषण भी नहीं फैलेगा, यह गोबर के दिए का टूटने-फूटने का डर भी नहीं होता है व तीन महीने तक यह दिया उपयोग मे आता है और यह दिया अनुपयोगी हो गया तो वहा खाद का काम आ जाता है!
महिलाओं का मानना है कि गाय का गोबर पवित्र होता है जिसका इस्तेमाल हम कई चीजों मे करते है खास कर दीपावली में पुजा अर्चना करने के लिए करते है इसलिए हमने गाय के गोबर से दिये बनाने का काम कर रहे हैं!जिसमे चन्द्रिका बघेल, मधु नेवला, संताबाई टेकाम, श्यामबाई जैन, भारती नेवला, बृजबाई उइके, कुंती बाई साहू, लोकेश्वरी साहू, नूतन साहू, गणेश्वरी नेताम, अनूपा नेताम, विमला यादव, नेहा नेवला, रामबाई जैन, रुपई साहू, जागृत साहू आदि उपस्थित थे!
लाइव भारत 36 न्यूज़ से विनोद साहू की रिपोर्ट