जशपुर जिले का एक ऐसा विकासखंड जहां शिक्षक है तो बच्चे नहीं और बच्चे है तो शिक्षक नहीं। कांसाबेल विकासखंड कि शिक्षा व्यवस्था देखकर आप हो जायेंगे हैरान। पढ़िए पूरी खबर..
ताज़ा मामला जशपुर जिले के विकासखंड कांसाबेल के शासकीय प्राथमिक शाला पतरापाली की है। जब हमारी टीम उक्त स्कूल मे पहुंची तो वहा कोई भी शिक्षक शाला मे मौजूद नहीं थे। जब हमने बच्चों से पूछा तो उन्होंने बताया की एक शिक्षक आये थे और अभी अपने दुकान मे गए हुए है जब हम चौक मे पहुचे तो वे अपने दुकान मे आराम फरमाते मिले।
जब हमने उनसे बात की तो उन्होंने बताया की वे माध्यमिक शाला गरिया दोहर के चपरासी है और हेडमास्टर विजय प्रसाद चौधरी ने व्यवस्था मे उनकी ड्यूटी प्राथमिक शाला पतारा पाली मे लगायी है। जब इस विषय पर विजय प्रसाद चौधरी से फ़ोन पर संपर्क किया गया तो उन्होंने अपना पल्ला झाड़ते हुए शिक्षा विभाग को ही दोषी बता दिया, उनके द्वारा साफ कहा गया कि यह सारी समस्या का कारण शिक्षकों कि कमी है, वही संकुल समन्वयक ने गोल गोल जबाब देकर अपना दामन बेदाग कर लिया। अब सवाल यह है कि वास्तविक मे इसके लिए दोषी कौन है विकासखंड शिक्षा अधिकारी, संकुल सम्यवयक या प्रधान पाठक या वह जिसकी ड्यूटी शाला मे लगायी गयी थी और वह बच्चों को अकेला छोड़कर अपनी दुकानदारी संभाल रहा था ? यह सवाल उन नन्हे नन्हे बच्चों के लिए कोई खास मायने नहीं रखते। वे तो अपना भविष्य बनाने के लिए स्कूल पहुंचते है लेकिन उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ करने मे इन जैसे शिक्षकों ने कोई कोर कसर नहीं छोड़ रखी है।
लाइव भारत 36 न्यूज से स्टेट हेड की रिपोर्ट