क्या ऐसे गढ़बो नवा छत्तीसगढ़ महोदय? ग्राम पंचायत गांझियाडीह का सामुदायिक शौचालय चढ़ा भ्रष्टाचार की भेंट। सरपंच एवम सचिव ने मिलीभगत कर डकार ली कार्य से अधिक की राशि। स्वच्छ भारत मिशन का किया पलीता।
एंकर- जशपुर जिले के जनपद पंचायत फरसाबहार के ग्राम पंचायत गांझियाडीह का सामुदायिक शौचालय इन दिनों लोगों के उपयोग से बहुत दूर नजर आ रहा है। ग्रामीण एवम आने जाने वाले राहगीरों को इससे खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। जब इसके संबंध में सरपंच जय कृष्ण साय से पूछा गया तो उन्होंने स्वीकार किया की यह अभी तक पूर्ण नही हो सका है। वहीं एस बी एम शाखा जशपुर से दूरभाष के द्वारा संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा की दो लाख दस हजार रूपये मे सिर्फ टंकी एवम पाइप एवम वायरिंग सामान के राशि का लगभग तैतालिस हजार की राशि शेष है।इसी प्रकार मनरेगा की राशि के बारे में जानकारी चाही गई तो एक कर्मचारी ने नाम ना छापने की शर्त पर बताया कि मजदूरी मे तैतालिस हजार मे केवल नौ हजार रूपये शेष है।वही लगभग एक साल तीन महीने पहले पंद्रहवें वित्त से अभिशरण राशि के नाम से नब्बे हजार रुपए आहरण कर लिया गया। अब सवाल यह है कि क्या जितनी राशि आहरण कर गई है उतने का कार्य कराए गया है या नहीं? अगर कार्य नही हुआ तो किस अभियंता ने मूल्यांकन किया? जब इस प्रश्न के लिए कार्यक्रम अधिकारी फरसाबहार से दूरभाष पर संपर्क करना चाहा तो उनसे संपर्क नही हो पाया।एक प्रश्न यह है की फर्स्ट फेज का शौचालय अभी तक बना क्यू नही? जब लाइव भारत 36 न्यूज के कैमरे में हमने शौचालय को कैद किया तो शौचालय के छत से सरिया हमे झांकते हुए मिले।
जिसे देखकर प्रथम दृष्टया तो यही अनुमान लगाया जा सकता है कि इसके निर्माण में संबंधित अभियंता एवम अनुविभागीय अधिकारी देखकर भी अनदेखी करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाह रहे हैं।अब सवाल यह है की क्या ऐसे अधिकारियों के ऊपर प्रशासन कार्यवाही करने की हिम्मत जुटा पाएगा ?यह सवाल हमेशा की तरह जनपद पंचायत फरसाबहार के गर्भ में समाहित रहेगा।
लाइव भारत 36 न्यूज से स्टेट हेड की रिपोर्ट