इस महिला दिवस सभी नैतिक प्रतिबद्ध हों-ABVP टिया चौहान
महिलाओं के प्रति हमारी जिम्मेदारी केवल एक परिवार,मुहल्ला गांव/कस्बा तक नहीं अपितु पूरे देश के लिए प्रतिबद्ध होनी चाहिए खासकर जब बात उनकी सुरक्षा-स्वतंत्रता की आती है।
महिला दिवस की शुभ-कामनाएं भले किसी को ना देना लेकिन इज्जत हर महिला की करें।ढेर सारी बधाइयों के नहीं मातृशक्ति मोहताज है समाज के नैतिक उन्नयन की,समरसता की। इसी कड़ी में मातृशक्ति को समर्पित चन्द लाइनें जिनका उद्देश्य केवल समस्त नारिजाति के प्रति प्रत्येक मस्तिष्क में स्वयं की सामाजिक व नैतिक ज़िम्मेदारी जागृत करना है।
“तू सृजनहार है तू ही पालनहार
तू जगतजननी है तुझसे ही संसार।”
फिर क्यों मैली आंखों की होती शिकार?
जिन आंखों का अस्तित्व तुझसे ही फिर क्यों
उसी कोख और परवरिश को करते हैं तार तार
मान रखो हर नारी का,आधार उन्हीं से जीवनसार
गलियों में जिनपर कुदृष्टि तुम घाते फिरते हो
कल तुम्हारी बेटी भी वहीं ना मिल जाए
तब विवश मत होना आंखें ना फेरना
अगर आत्मग्लानि का एहसास हो
उसे माता से सम्बोधित करना
हर नारी एक बेटी है और
यहीं मातृभक्ति सार है।
“सभी मातृशक्ति को महिला दिवस विशेष ममतामयी नमन।”
लाइव भारत 36न्यूज से जिला रिपोर्टर की रिपोर्ट