फेडरेशन की रैली स्थगित
जिला संयोजक और तहसील अध्यक्ष सौंपेंगे ज्ञापन
छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के प्रांतीय आह्वान पर सातवें वेतनमान के आधार पर गृह भाड़ा भत्ता और लंबित महंगाई भत्ते को लेकर 12 जनवरी को आयोजित होने वाली मौलिक अधिकार रैली तथा 28एवं 29 जनवरी को आयोजित सामूहिक अवकाश लेकर प्रदर्शन कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए स्थगित कर आंदोलन के स्वरूप में परिवर्तन किया गया है।
दिनांक 07 जनवरी को आयोजित फेडरेशन की बैठक में उक्त निर्णय लिया गया है।
जिला संयोजक प्रमोद तिवारी ने बताया की कोरोना वायरस के कारण कर्मचारी तथा लोक हित में उक्त निर्णय लिया गया है, कर्मचारियों की मांग के संबंध में फेडरेशन ने आंदोलन का स्वरूप बदला है लेकिन कर्मचारियों के मौलिक अधिकार के लिए लड़ाई जारी रहेगी। कोरोना वायरस के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए जिला स्तर पर जिला संयोजक एवं पदाधिकारी कलेक्टर महोदय को तथा तहसील स्तर पर तहसील संयोजक तथा तहसील पदाधिकारी तहसीलदार/एस डी एम को माननीय मुख्यमंत्री जी के नाम ज्ञापन सौंपेंगे, एवं सभी शासकीय अधिकारी कर्मचारी मौलिक अधिकार हनन के विरोध में 28 एवं 29 जनवरी को अपने कार्य स्थल पर काली पट्टी लगाकर कार्य कर विरोध प्रदर्शन करेंगे। राज्य के सभी जिलों एवं तहसीलों में फेडरेशन के पदाधिकारी ही माननीय मुख्यमंत्री जी के नाम ज्ञापन सौंपकर शासन का ध्यान आकृष्ट करेंगे।
शासन द्वारा कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन की 14 सूत्रीय मांगों के परीक्षण के लिए प्रमुख सचिव की अध्यक्षता में समिति का गठन किया है 03 माह बीतने के बाद भी समिति द्वारा कोई भी कार्यवाही अभी तक नही होने से कर्मचारियों में रोष व्याप्त है। इसी लिए फेडरेशन ने आंदोलन का रास्ता अपनाया है। शासन द्वारा मांगे पूरी नहीं करने पर कोरोना गाइडलाइन के अनुसार कर्मचारियो की सुरक्षा को दृष्टिगत रखकर आंदोलन जारी रहेगा।
विनोद साहू लाइव भारत 36 न्यूज़ कांकेर