कोरबा

15वां बार सम्मानित हुआं बाघा डांग को पुलिस अधीक्षक महोदय जी ने फिर किया सम्मान जाने बाघा डांग की खासियत

कोरबा जिले में अपराधों के त्वरित निराकरण में बाघा डॉग की भूमिका अत्यन सराहनीय रही है जिले के अंधे क़त्ल और नकबजनी जैसी चुनौती पूर्ण घटनाओ में बाघा की भूमिका के कारण जहां मामले की तह तक पहुंचने में पुलिस की जाँच टीम को मदद मिलती रही है वही बाघा की तैनाती भी अपराधियों के लिए भय का कारण रहा है
इस सम्बन्ध में ब्लैकआउट न्यूज़ ने ट्रेकर डॉग स्कॉट के इंचार्ज सुनील कुमार गुप्ता से बात की उन्होंने बताया की बाघा अबतक लगभग 38 मामले सुलझा चूका है जिसमे 21 अंधे क़त्ल की गुत्थी को सुलझाने में बाघा की भूमिका अत्यंत सराहनीय रही है बाघा को 14 -15 बार सम्मानित किया जा चूका है जिसमे दो बार बिलासपुर रेंज के IG द्वारा सम्मानित किया गया है उरगा के एक मामले में बाघा को और डॉग स्कॉट के इंचार्ज सुनील कुमार गुप्ता को 5000 रूपये और प्रशस्ति पात्र देकर सम्मानित किया गया था
बाघा डॉग की खासियत क्या है
कोरबा में पदस्थ बाघा डॉग एक उच्च क्वालिटी का बेल्जियम सेफर्ट डॉग है इस डॉग में दूसरे डॉग की तुलना में सूंघने और सुनने की शक्ति ज्यादा होती है वही इसे थकान काम लगती है यह ट्रेकर ट्रेड का डॉग है मसलन यह गंध को सूंघकर अपराधियों तक पहुंचने में महारत हासिल है बाघा का जन्म 2016 में हैदराबाद में हुआ था जब इसकी उम्र महज 3 माह की थी तभी राज्य समिति ने इसे लाया था 10 महीने भिलाई में कड़ी ट्रेनिंग के बाद वर्ष 2017 में इसे कोरबा जिले में पदस्थ किया गया था तब से यह कोरबा जिले में ही है इस दरमियान इसने 38 मामलो का पटाक्षेप किया है और 14 – 15 पुरस्कार हासिल किया है


संवादाता बोधन चौहान लाइव भारत 36 न्यूज़ चैनल कोरबा

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