बालोद

जनता ने किया सवाल….महिला के साथ छेड़छाड़ करने वाले वन विभाग के रेंजर के उपर कोई कार्यवाही नही….. जानिए मामला?

गरियाबंद वन मंण्डल में एक वन परिक्षेत्र अधिकारी ने अपने अधिनस्थ महिला कर्मचारियों को अपने मोबाईल के व्हाट्सअप से रात्रि ग्यारह बजे , बारह बजे विडियों काल करना और मैसेज में मुझे भी नींद नही आ रहा है तुम्हें भी कुछ बोलो ,शेरो सायरी भेजना , दिल का फोटो भेजना जैसे मैसेज रेंजर द्वारा भेजे जाने से अधिनस्थ महिला कर्मचारी परेशान होकर वन मंण्डलाधिकारी मंयक अग्रवाल को फोन पर शिकायत किये , डीएफओ मंयक अग्रवाल ने महिला कर्मचारियों से लिखीत मे आवेदन देने के लिए कहा , परेशान पीडित महिलाओं ने लिखित में शिकायत डीएफओ के कार्यालय मे 28सिंतम्बर 2020 को आवेदन दिये साथ शिकायत की प्रति डीएफओ के व्हाट्सअप मे पीडीएफ भेजा गया।
भारतीय वन सेवा के ईमानदार अफसर माने जाने वाले ने आननफानन में आंतरिक शिकायत समिति लैगिंक उत्पीड़न (प्रतिषेध और प्रतितोष निवारण)का गठन कर मामला समिति को दे दिया पीडित महिला कर्मचारीयों ने शोसलमिडिया में आपत्तिजनक जनक मैसेज का स्क्रीन शार्ट भी आवेदन के साथ दिये इसके बाद भी समिति के सदस्यों ने पीडित महिलाओं से गवाह सबूतों के साथ उपस्थित होने के लिए नोटिस जारी कर एंव पेशी की तारीख उपर तारीख देते रहे , अश्लील मैसेज भेजने वाले रेंजर ने गवाह प्रस्तुत किया जो रेंजर के विरुद्ध बयान दिया गया ।

आंतरिक शिकायत समिति ने पूरे मामले की जांच कर वनमंण्डलाधिकारी को भेज दिये लेकिन डीएफओ ने आज दिनांक 8 जून 2021 तक मामले पर क्या कार्यवाही किया है जो पीडितों एंव परिजनों को पता नहीं है।परिजन तो यही समझ रहे है कि मामला को दबा कर रखा गया है । इससें साफ जाहिर होता हैं कि महिलाओं के साथ हुये उत्पीड़न को दबाने वाले अधिकारी भी दोषी है । पूरे गरियाबंद जिले में चर्चा का विषय है कि डीएफओ की पहुच कांग्रेस के दिल्ली दरबार तक है जिसके चलते छत्तीसगढ़ के कांग्रेस सरकार भी डीएफओ को छेडऩे की हिम्मत नहीं कर रही हैं । छत्तीसगढ़ के तमाम भारती वन सेवा के अफसरों को ईधर उधर किया गया लेकिन डीएफओ लगभग दो वर्ष से गरियाबंद मे पदस्थ है जिसे हटाने के लिए क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने वन मंत्री, मुख्यमंत्री तक दौंड लगाये लेकिन कुछ नही हुआ डीएफओ का आज भी गरियाबंद मे अंगद की पैर की तरह जमे हुये है ।
पीडित महिला कर्मचारियों के परिजनों ने प्रदेश के राज्यपाल एंव राष्ट्रीय महिला आयोग से गुहार लगाया है कि रेंजर एंव प्रकरण को लंबित रखने वाले कर्मचारी अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही करने की मांग किये है ।

यही मामला पुलिस विभाग मे प्राथमिकी दर्ज होता तो पीडितों को न्याय मिल जाता लेकिन दुर्भाग्य की बात है कि वन विभाग मे न्याय मिलने के लिए आठ माह बीत चुका है न जाने कब न्याय मिलेगा । पीडितों द्वारा तमाम सबुतो को प्रस्तुत करने के बाद भी दोषी चैंन की बासुरी बजा रहे है । विडीयों क्रांफ्रेंस से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कल गरियाबंद जिले की दिब्यांग गीता से बात करते हुये कंहा प्रदेश सरकार बेटीयों के साथ हर मुसीबतों मे खडी है ,वहीं गरियाबंद जिले के दो बेटी को मांनसिक रुप से प्रताणित करने वाले अधिकारी के उपर कार्यवाही आज तलक नहीं होना ही विचारणीय है ।अनेकों शंका कुंशाकाओ को जन्मदेती है ?

वनमंण्डलाधिकारी गरियाबंद मंयक अग्रवाल ने कहा वरिष्ठ कार्यालय को कार्यवाही के लिए भेज दिया हूं ।

लाइव भारत 36 न्यूज़
ब्यूरो चीफ,जिला बालोद
विकास जैन मित्तल

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