जांजगीर-चांपा

अत्याचार की सिमा हुई पार,”पूर्व एम ओ डॉक्टर संतोष पटेल” पर! प्रसासन मौन

जांजगीर चांपा- जिले के मालखरौदा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के निवर्तमान डॉक्टर संतोष पटेल ने आखिरकार अपना सरकारी आवास खाली कर दिया मिली जानकारी के अनुसार डॉक्टर संतोष पटेल वरिष्ठ चिकित्सक मालखरौदा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को कुछ माह पूर्व सरकारी आवास खाली करने का नोटिस मिला जिस के परिपालन में उन्होंने कल सरकारी आवास खाली कर दिया विदित हो कि डाक्टर संतोष पटेल पर षड्यंत्र की राजनीति पिछले कुछ सालों से चल रही थी जिसके तहत उन्हें कोरोना ड्यूटी लगाना , ड्यूटी के सही समय पर उन्हें नोटिस ना दिखाना , उन्हें जानबूझकर उनके गृह ग्राम से दूर 300 किलोमीटर दूर स्थानांतरण करना , उनके खिलाफ f.i.r. कराना , इस तरह की अनेक साजिश रच कर प्रताड़ित कर आखिरकार मालखरौदा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को छोड़ने पर मजबूर किया गया इसके साथ ही उन्हें सरकारी आवास को छोड़ने के लिए भी अंततः मजबूर किया गया । विदित हो कि डॉक्टर संतोष पटेल का स्थानांतरण अभी माननीय हाईकोर्ट बिलासपुर में विचाराधीन है और उन्हें कोर्ट से स्थगन आदेश भी मिल चुका है परंतु उनका स्थगन. आदेश सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की तत्कालीन सी एम ओ कात्यायनी सिह.द्वारा स्वीकार नहीं किया गया और परिणाम स्वरूप शासकीय सेवा.से वंचित होकर निजी स्तर पर जनता की सेवा करने का मार्ग डॉक्टर संतोष पटेल को चुनना पडा़ । डा. पटेल ने इस षड्यंत्र की राजनीति से दूर रह कर जनता की सेवा का मन बनाया परंतु उन्होंने माध्यम शासकीय सेवा को ना चुनकर गांवो और जनपदों मे शिविर लगाकर जनता को स्वास्थ्य लाभ पहुंचाने का निर्णय लिया । इसके साथ ही उन्होंने षड्यंत्र की राजनीति को तार – तार करने के लिए राजनीति का ही सहारा लिया । उनका कहना है कि “लोहे को लोहा काटता है “उसी तरह राजनीतिक षड्यंत्र को काटने के लिए राजनीति में उतरना आवश्यक था । इसके साथ ही इसके साथ यह भी जानना उल्लेखीय होगा कि डॉक्टर संतोष पटेल की तरह डा. के एल उरांव रेडियोलॉजिस्ट सिम्स को भी पदभार ग्रहण किये 2 साल हो चुके हैं परंतु उनका सरकारी आवास पर कब्जा आज भी बना हुआ है । डॉक्टर के सिदार को भी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र डभरा में पदभार ग्रहण किए 6 माह हो चुके हैं परंतु उनका भी कब्जा सरकारी आवास पर आज भी बना हुआ है तो क्या कारण था कि केवल डॉक्टर संतोष पटेल को सरकारी आवास खाली करने के नोटिस मिला और उन्हें मजबूर किया गया कि वह अंततः सरकारी आवास खाली कर दें । आखिर वे कौन लोग है जिन्हें डा. पटेल के होने से खतरा है.और क्या खतरा है । वह कौन है जिन्होंने स्वास्थ विभाग , शासन को मजबूर कर दिया कि डा.संतोष पटेल मालखरौदा छोड़कर अनियंत्रित चले जाएं । डॉक्टर संतोष पटेल अपने स्थानांतरण रुकवाने और अपने खिलाफ चल रही साजिशों के खिलाफ क्षेत्रीय विधायक से लेकर मंत्रियों तक गुहार की लेकिन उनकी एक भी न सुनी गई और आज उन्हें अपना सरकारी आवास भी खाली करना पड़ा

लाइव भारत36 न्यूज़ से विजय धिरहे

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