कलम पकड़ने के उम्र में बच्चों के हाथ फावड़ा-कुदाली, सारंगढ़ लेन्धरा (छोटे) में मनरेगा में कराया जा रहा बाल-मजदूरी…

सारंगढ़ – कहने को नौनिहालों के पोषण व शिक्षा के लिए सरकार की ओर से तमाम योजनाएं बनाई जा रही है, लेकिन धरातल पर इसका असर कितना है इसे देखने वाला कोई नहीं है। हद तो यह है कि सरकार की ही मनरेगा योजना में नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही है।
स्थानीय एक महिला श्रमिक ने नाम ना बताने की शर्त पर बताया कि जो बच्चे यहां काम करते हुए उन्हें सरपँच प्रतिनिधि या कोई अधिकारी रोकता नहीं है। ऐसे में तेज गर्मी में बच्चे भी काम करने को मजबूर बने रहते है।
कोई कुछ भी करे किसी पर किसी प्रकार की कार्यवाही नहीं होनी है।
जिस उम्र में इनके हाथों में किताबे और पेन होना चाहिये था, उस उम्र में यह बच्चे हाथों में फावड़ा, कुदाल व मिट्टी से भरे तसले लिए काम कराया जा रहाहै। एक तरफ जहां देश के नौनिहालों को शिक्षित करने के लिए सरकार करोड़ो रुपये खर्च कर रही है। वही दूसरी तरफ ग्राम प्रधान काम कराने के लिए नौनिहालों के भविष्य से खुले आम खिलवाड़ कर रहे है।
गौरतलब है कि मनरेगा योजना संचालित करने का उद्देश्य था कि गाँव मे रहने वाले कामगारों को रोजी रोटी के लिए दूर दराज भटकना न पड़े। उन्हें गाँव मे ही इतना काम मिल जाय कि उनका गुजारा हो जाय। लेकिन इस योजना के उद्देश्यों को पलीता लगाने में ग्राम प्रधान की भूमिका बेहद संदिग्ध देखी जा सकती है। इस योजना के तहत बच्चो की जीवन से खिलवाड़ किया जा रहा है। साथ ही अधिकतर पंचायतों में मस्टररोल में कामगारों की संख्या में हेराफेरी कर खूब धांधली भी की जाती है।

ग्राम लेन्धरा छोटे में मनरेगा में 7 वर्ष के बच्चों से कराया जा रहा काम..

सारंगढ़ के पँचायत वर्तमान में अपने कारनामो के लिए आये दिन शुर्खियों में रहने लगा है। जहां प्रशानिक पैसों की बंदरबाट, फर्जी शिकायत, राजनैतिक दखलंदाजी के लिए जिले भर में सुर्खियां बटोर चुकी है वर्तमान कारनामा ग्राम पंचायत लेन्धरा छोटे का है। जहां सरपँच पति की उपस्थिति में 7 से 10 वर्ष के बच्चों से बाल-श्रम कराया जा रहा है। सरपँच पति बकायदा सामने हैं और उनकी ही देखरेख में बालमजदूरी को बढ़ावा दिया जा रहा है।

सोशल मीडिया में एक युवा के वीडियो ने मचाया हंगामा-

जब लोगों ने बाल-मजदूरी की शिकायत स्थानीय युवा से की तो उसने वीडियो बनाकर सोशल मीडिया और मीडिया कर्मियो को प्रेषित की जिससे लोगों को लेन्धरा-छोटे में सरपँच-पति द्वारा बाल-मजदूरी कराने की बात सामने आयी। सबसे गम्भीर बात यह है कि वीडियो में सरपँच पति/प्रतिनिधि भी मौजूद हैं और उनके सामने ये बाल-श्रम हो रहा है।

क्या कहते हैं पी.ई.ओ. युवराज पटेल-

जब हमारे प्रतिनिधि ने इसकी जानकारी पी ई ओ युवराज पटेल को दी तो उन्होंने पहले बात को टालते हुवे कहा कि बच्चे अपने माँ-बाप से मिलने गए होंगे। जब हमारे संवाददाता ने कहा कि उनके पास काम करते वीडियो मौजूद है आप कैसे कह सकते हैं कि माँ-बाप से मिलने गए हैं। तो श्री पटेल का कहना था कौन से पँचायत का है तो बताया गया लेन्धरा-छोटे में यह कार्य कराया जा रहा है। तो युवराज पटेल ने कहा हम लेन्धरा में ही हैँ और ऐसा नही हो रहा है।तब हमारे संवाददाता ने स्पस्ट किया कि उनके पास पुख्ता सबूत है तो साहब ने कहा आप मुझसे आ के मिलिए कहकर फोन रख दिये।

जनपद सीईओ बैनर्जी फ़ोन नही उठाने के प्रण पर कायम…!

जब से एक सचिव के भ्रस्टाचार उजागर और कोविड सेंटर में अव्यवस्था की खबर हमारे संवाददाता द्वारा प्रकाशित की गयी है, सीईओ अभिषेक बैनर्जी संवाददाता का फोन नही उठाने की कसम खा लिए हैं। क्योंकि उन्हें पता है जब भी फोन किया जाएगा तो जरूर कोई मुद्दे या भ्रस्टाचार की बात होगी और साहब के पास शायद जवाब देने के लिए शब्द नही मिलेगा..! या तो अपने पँचायत और कर्मचारियों को बचाने के लिए प्रतिबद्ध हैं साहब..! लेकिन उन्हें याद रखना होगा कि वो जनता की उम्मीद हैं और सरकार उन्हें जनता के भलाई के लिए नियुक्त किये हैं ना कि अपने कर्मचारियों के सुरक्षा के लिए।

विचारणीय बिंदु-
इस विषय पर सोचने वाली बात यह है कि उक्त काम सरपँच पति/प्रतिनिधि के समक्ष हो रही है। दूसरी बात रोजगार सहायक को ऐसा कृत्य करवाने की मंजूरी किसने दी?
जब वीडियो वायरल हुवा तो मामले को दबाने के लिए बच्चों को तत्काल भगा दिया गया और जनपद के जिम्मेदार अधिकारी का तत्काल लेन्धरा छोटे पहुँचना औए ऐसा नही हो रहा है कहकर मीडिया को बताया जाना सोचने पर मजबूर करने के लिए काफी है। और सबसे गम्भीर बात क्या यह वीडियो पहले ही जनपद सीईओ के पास पहुंच गई थी इस कारण बैनर्जी साहब जानबूझकर फोन रिसीव नही किये।
बहरहाल अब वीडियो को जिम्मेदार अधिकारी के पास प्रेषित कर दी गयी है, इसमे भी शायद नोटिस देकर अभयदान दिए जाने की पूरी पूरी संभावना दिख रही है।

Reported by admin

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button