जानिए जशपुर के दिलीप कुमार से, जिनकी इस वजह से छिन गई सरकारी नौकरी… जो बीमारी से तो लड़े, लेकिन सिस्टम से हार गए….पढ़िए पूरी कहानी और समझिए क्या है पूरा मामला ?
जशपुरनगर – बड़ी मुश्किलें के बाद कड़ी मेहनत से किसी को सरकारी नौकरी हासिल होती है। लेकिन अगर किसी बीमारी की वजह से यह नौकरी छिन जाए तो फिर इंसान दर-दर की ठोंकरे खाने को मजबूर हो जाता है । कुछ ऐसी ही दुखभरी कहानी है जशपुर के रहने वाले दिलीप कुमार की। जो आपको भी भावुक कर देगी। जो अपनी बीमारी से लड़े, लेकिन सिस्टम के सामने हार गया।
तस्वीरों में नजर आ रहे इस शक्स का नाम दिलीप कुमार आर्यवर्ती हैं। जो 1995 में शिक्षा कर्मी के तौर पर बहाल हुए थे। जिसके बाद वे जिला रायगढ़ घरघोड़ा के नवापारा में बतौर वर्ग 1 शिक्षक के तौर पर पदस्थ रहे। लेकिन कुछ सालों के बाद दिलीप की मानसिक स्थिति खराब रहने लगी। जिस वजह से उन्हें 2003 में शासन ने सीधे बर्खाश्त कर दिया ।
इसके बाद से ही दिलीप अपने पैतृक घर जशपुर सरनाटोली में ही रह रहे हैं । लेकिन नौकरी चली जाने के बाद से उनकी हालत और बिगड़ने लगी। बावजूद इसके उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और जैसे तैसे कर सरकारी अस्पतालों में अपना इलाज करवाया।
अब दिलीप आर्यवर्ती पूरी तरह से ठीक हो चुके हैं। लेकिन आज भी उनके पास कोई काम नहीं है। दिलीप नौकरी से हाथ धोकर मुफलिसी का जीवन जी रहे हैं। वर्तमान में दिलीप की उम्र 52 साल है। तबतक भी प्रशासन से आज तक कुछ अस्वासन नही मिली
लाइव भारत36 न्यूज़ जशपुर से जिला अस्सिस्टेंट ब्यूरो
धनी राम यादव