रायगढ़

बोरिंग मरम्मत के नाम से लाखों का आहरण… बोरिंग में बना रहे सिंटेक्स सहित पानी टँकी…जवाब नही होने पर पत्रकारों को दी गाली…

रायगढ़/सारंगढ़/खैरा छोटे–आज पूरी दुनिया में भारत भ्रष्टाचार के मामले में 94वें स्थान पर है।भ्रष्टाचार हमारे नैतिक जीवन मूल्यों पर सबसे बड़ा प्रहार है। भ्रष्टाचार से जुड़े लोग अपने स्वार्थ में अंधे होकर राष्ट्र का नाम बदनाम कर रहे हैं। जब तक इस अपराध के लिए कोई कड़ा दंड नही दिया जाएगा तब तक यह बीमारी दीमक की तरह पूरे देश को खा जाएगी।

ग्राम पंचायतों में भ्रष्‍टाचार का मामला व्‍यापक है और इसे भी देश में फैले अन्‍य भ्रष्‍टाचार की तरह गंभीरता से लेने की जरूरत है। क्‍योंकि जनगणना के मुताबिक भारत में कुल 597,464 गांव हैं। इनमें रहने वाले बहुत से लोगों को जीवन इस भ्रष्‍टाचार से सीधे तौर पर प्रभावित हो रहे है। करीब 69 फीसदी भारत अब भी ग्रामिण इलाकों में बसता है।

ऐसा नहीं है कि देश भर में हर जगह पंचायतें खराब काम ही कर रही हैं। देश सहित सारंगढ़ के बहुत से ग्राम पंचायतों में अच्छा कार्य हो रहा है। कुछ पँचायत में तो सच मे विकास की गंगा बहने लगी है ऐसे कई पँचायत हैं जिनका कायाकल्प विगत वर्षों में पूरी तरह बदल गया है। या कह सकते हैं विकास के पथ पर अग्रसर हैं। वहीं कुछ पँचायत ऐसे भी हैं जहाँ सरपँच और सचिव मिलकर सरकार और जनता के पैसे को अपना पुरखौती समझ कर निर्माण कार्य और विकास के नाम से आपस मे बंटवारा कर के स्वयं के तरक्की में लगे हैं..! जिनके लिए जनता महज़ वोट देते तक ही जनता रहती है बाद में उसी जनता का कोई मोल नही रहता जो उसे विजयी करके प्रधानी सौंपते हैं।

सरपँच-सचिव ने 1 वर्ष में सिर्फ बोरिंग मरम्मत के नाम से निकाल लिए 109060 रुपये:-

जल ही जीवन है जिसके लिए शासन आम जनता तक शुद्ध जल पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है। अतः सभी ग्राम पंचायतों को आम जनता तक पानी पहुंचे इस उद्देश्य से नल जल योजना सहित और भी योजना संचालित कर रही है।
लेकिन खैरा छोटे में सरपँच और सचिव ने लोगों से उनका जल ही छीन लिया है। ये हम नही कहते अपितु ग्राम खैरा छोटे की वास्तविकता कहती है।

सरपँच-सचिव ने सिर्फ बोरिंग मरम्मत के नाम से 14वें वित्त की राशि मे से 7 मई 2020 को 6280 रु. , फिर 6 दिन बाद 14 मई को 24720 रुपये, फिर 9 दिन पश्चात 23 मई 2020 को 29120 रुपये आहरित कर लिए हैं।

सरपँच- सचिव द्वारा पुनः 15 वें वित्त की राशि आने पर 26 जनवरी गणतंत्र दिवस को 49000 रुपये पुनः बोरिंग मरम्मत किया कहकर राशि जनरेट कर लिया गया है।

परन्तु खैरा छोटे में बोरिंग मरम्मत के नाम से कार्य नही के बराबर है। बोरिंग बिगड़े पड़े हैं, तो कुछ तो कबाड़ की स्थिति में भी आ गये हैं, अगर जितनी राशि बोरिंग मरम्मत के नाम से निकाला गया है उसकी आधी राशि भी अगर मरम्मत में लगा दिया होता तो खैरा छोटे के ग्रामीणों को पानी की किल्लत ही नही होती।

बोरिंग में कराया जा रहा सिंटेक्स निर्माण:-

कहते है गलत कार्य भी अकल से करनी चाहिए, लेकिन सरपँच-सचिव द्वारा ड्रिंकिंग वाटर के नाम से 5 लाख रुपये और मोटर पम्प के नाम से महज 1 वर्ष में 241960 रुपये निकाला जो गया है। लगभग 7 लाख 41 हज़ार के काम को दर्शाने के लिए इनको कुछ तो काम दिखाना ही होगा।
और काम दिखाने के चक्कर मे सरपँच सचिव बोर और बोरिंग में अंतर ही समझ नही पाये ये तो समझ से परे है।
ग्रामीण महिलाओं ने बताया कि यहाँ पंप लगाने से 20 मिनट भी पानी नही आता हम लोग पानी पानी के लिए तरस जाते हैं इसलिए बोरिंग से ही पानी पीते हैं, लेकिन न जाने क्यों सबकुछ जानते हुवे सरपँच सचिव यहां जबरजस्ती सिंटेक्स और टँकी का निर्माण कर रहे हैं? क्या टँकी में हाथ से बाल्टी द्वारा पानी भरेंगे…!

सरपँच पति ने कल रची थी पत्रकारों को छेड़छाड़ में फंसाने की साज़िश..

जब ग्रामीणों की तकलीफ और शिकायत की वास्तविकता को देखने के लिए जनता की आवाज़ उठाने वाले पत्रकार खैरा छोटे गए थे। उनके जाने के बाद सरपँच पति द्वारा अन्य पत्रकार को बुलाकर अपनी पत्नी के साथ छेड़छाड़ और गाली गलौच की झूठी बात बता रहे थे..! जिसकी तत्काल सूचना ग्रामीणों द्वारा पत्रकारों को दी गयी जिसे बहुत से न्यूज़ पोर्टल और समाचार पत्रों में तत्काल प्रकशित करने के कारण उनकी योजना सफल नही हो पायी ऐसा प्रतीत होता है।

अपने भ्रस्टाचार छिपाने ग्रामीण, पंच, उपसरपंच सब पर लगा रहे आरोप:-

अपनी गलती छिपाने का सबसे आसान काम है कि बोल दिया जाये ये सब विपक्ष की साज़िश है। यह कहावत तो भारत मे प्रशिद्ध है ही, इसी डायलॉग को सरपँच पति भी कहते फिर रहे हैं कि ये सब ग्रामीणों, पंच और उपसरपंच की साज़िश है, लेकिन वो भूल जा रहे हैं कि इल्ज़ाम दूसरे के सर मढ़ने से खुद के कारनामे छुप नही सकते, जितनी राशि आहरित कर ली गयी है उसके आधे का भी उपयोग कर दिया जाता तो आज गांव की तस्वीर ही बदल गयी होती।

दो दलित पत्रकारों को सरपँच पति द्वारा दी गयी जातिगत गाली:-

भौतिक सत्यापन में गए पत्रकारों में 2 पत्रकार जो कि दलित वर्ग से आते हैं उसे सरपँच पति द्वारा जातिगत गाली देते हुवे औकात में रहने की बात कही। जिसके गवाह भी हैं। लेकिन ग्रामीणों की आवाज़ बने पत्रकारों ने कोई जवाब नही दिया क्योंकि वो गाव उनका है और वो सरपँच के पति हैं, मारपीट भी किया जा सकता था..! लेकिन अभी खैरा छोटे के आम जनता के खातिर लड़ना है सोचकर शांति से वापिस आ गए,लेकिन आवश्यक्ता पड़ने पर एसटी/ एससी कोर्ट में कार्यवाही की बात भी कही।

जिला पंचायत सीईओ ऋचा प्रकाश चौधरी ने कही जांच की बात:-

जनपद सीईओ से कार्यवाही की उम्मीद तो दूर की बात, साहब तो सरपंच-सचिव की शिकायत को भी ध्यान से नही सुनते..! अतः थक हार के जब छेड़छाड़ में फंसाने की धमकी सरपँच पति द्वारा दिया गया तो जिला पंचायत सीईओ मेडम को पत्रकारों द्वारा तत्काल सूचना दी गयी थी। जिसे गम्भीरता से लेते हुवे मेडम ने न डरने और पँचायत के कार्यों की जांच की बात कही।

Reported by admin

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button