जांजगीर-चांपा

जन्म लेने से पहले ही मौत के नींद सुलाने खुले आम बिक रही दवाई

जिम्मेदार अधिकारियों को नही है कोई सरोकार

मालखरौदा। जिले में जन्म लेने से पहले ही गर्भ में ही मौत की नींद सुलाने का खेल खुलेआम चल रहा है। फिर भी जिम्मेदार अधिकारी संज्ञान नहीं ले रहें हैं। जिले के मेडिकल स्टोरों में खुलेआम बिना डॉक्टर की पर्ची के गर्भपात किट की बिक्री की जा रही हैं।इसका सबसे ज्यादा इस्तेमाल वे लोग कर रहे हैं जो लड़कियों की चाहत नहीं रखते हैं। साथ ही युवा प्रेमी जोड़े भी इस दवाई का उपयोग कर रहे है फिर भी जिले के जिम्मेदार अधिकारी चिर निद्रा में सोए हुए हैं।

मामला जांजगीर चांपा जिले के मालखरौदा अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत आमंनदुला में संचालित संजय चंद्रा मेडिकल स्टोर का है जहां बिना पर्ची के ही गर्भपात की दवाई बेची जा रही है। जब हमें इसकी जानकारी मिली तब हमारे संवाददाता ने इस मेडिकल संचालक का स्टिंग किया। स्टिंग करने पर चौकाने वाले खुलासे हुए, यहाँ बिना किसी डॉक्टर पर्ची के ही गर्भपात कराने वाले दवाई की बेझिझक बिक्री की जा रही थी। मालखरौदा क्षेत्र के जिम्मेदार ड्रग इंस्पेक्टर को शायद निगरानी रखने और जांच करने तक कि फुर्सत नही है, या यू कहे कि मेडिकल संचालकों को खुली छूट दे दी है इस तरह के प्रतिबंध दवाओं के विक्रय करने की।

नियम कायदों को दरकिनार कर, दिखाया ठेंगा
क्षेत्र में मेडिकल स्टोर पर अगर आप मुंह मांगी कीमत देने के लिए तैयार हैं तो आप निश्चित रहे की गर्भपात किट तुरन्त उपलब्ध करते है संचालक। यही किट कन्या भू्रण हत्या का एक कारण भी हो रहा हो, लेकिन मेडिकल स्टोर्स के संचालकों को इसकी परवाह नहीं है। इस किट की कीमत से दुगुने दाम में बेच कर अवैध कमाई भी कर रहे है।
इस धंधे से जुड़े लोग ना केवल गर्भ में पल रही एक जिंदगी का सफर समाप्त कर रहे हैं बल्कि सरकारी प्रयासों को चुनौती भी दे रहे हैं। दुकानदार बिना गर्भ का महीना जाने ये दवाइयां आसानी से बाजार में बेच रहे हैं। दुकानदार गर्भपात किट देने से पहले यह जानकारी तक नही लेते की लेने वाला ग्राहक कौन है महिला की प्रेग्नेंसी मंथ कौन सा है बिना कोई जानकारी लिए ही ग्राहकों द्वारा मांगे जाने पर यह किट थमाया जा रहा है। ऐसे में यह किट कभी भी खतरनाक साबित हो सकता है।

जा सकती है जान भी, सतर्कता जरूरी
दवाओं पर चेतावनी लिखी होती है कि इनका उपयोग बिना किसी डॉक्टरी सलाह के न किया जाएं लेकिन इस पर अमल नहीं हो रहा है। दवाओं पर विक्रय मूल्य अंकित होने के बाद भी इनको मूल्य से अधिक रेट पर दिया जा रहा है। गर्भपात किट का इस्तेमाल करने से महिलाओं को साइड इफेक्ट भी हो सकते हैं। इस तरह की किट का प्रयोग गर्भ ठहरने के कुछ महीने तक ही किया जाता है। अगर गर्भपात किट का प्रयोग करने से केस बिगड़ जाए तो महिलाएं बांझपन का शिकार हो सकती हैं। साथ ही खून भी चढ़ाना पड़ सकता है।

यह है नियम, क्या होगी कार्रवाई
मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी एक्ट के अनुसार डॉक्टर द्वारा दिए गए पर्चे पर ही यह दवा बेची जा सकती है। वहीं मेडिकल संचालक को दवाइयां बेचने से पहले पर्चे की फोटो कापी, बिल का रिकार्ड रखना अनिवार्य है।
बिना जांच किए अगर अधिक अवधि के गर्भ में यह दवा दे दी जाए तो जान का भी खतरा हो सकता है। ये दवाइयां अस्पताल या ऐसी जगह पर ही ली जा सकती हैं जहां ब्लड ट्रांसफ्यूजन की व्यवस्था हो क्योंकि इन दवाओं के इस्तेमाल से मरीज को खतरा बढ़ जाता है। लेकिन आमंनदुला में संचालित संजय चंद्रा मेडिकल स्टोर सहित क्षेत्र के कई मेडिकलों में कोई भी व्यक्ति आसानी से इन दवाओं को खरीद पा रहा है। अब देखना होगा क्या जिम्मेदार अधिकारी इस पूरे मामले में क्या कार्रवाई करते है।

जिला खाद्य अधिकारी
मामले में जब जांजगीर चांपा जिले के खाद्य अधिकारी प्रीतम ओगरे से हमारी टीम ने बात करने की कोशिश की मगर खाद्य अधिकारी प्रीतम ओगरे ने हमारी टीम का फोन नहीं उठाया अब मामले में जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा इस गर्व पात किट के खुले आम बिक्री पर रोक लगाने का प्रयास करेंगे या फिर कुंभ कारण के भांति गहरी नींद में सोए रहेंगे

लाइव भारत 36 न्यूज़ से विजय धिरहे

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