पी.जी. कालेज कांकेर में स्वच्छता पखवाड़ा के अंतर्गत एनसीसी द्वारा ऑनलाइन सेमीनार का आयोजन!
भानुप्रतापदेव शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय कांकेर में सीओ कर्नल अजय कुमार आहूजा 8 छग (स्व) कंपनी एनसीसी काँकेर के आदेशानुसार दिनांक 01 दिसंबर से 15 दिसंबर 2020 तक स्वच्छता पखवाड़ा मनाया जा रहा है। प्राचार्य डॉ. के.आर ध्रुव के मार्गदर्शन व एनसीसी अधिकारी लेफ्टिनेंट विजय प्रकाश साहू के नेतृत्व में विविध कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है! ‘प्लास्टिक अवशिष्ट प्रबंधन’ विषय पर ऑनलाइन सेमीनार का आयोजन किया गया जिसमें मुख्य वक्ता महाविद्यालय के मनोविज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. मनोज कुमार राव रहे!
डॉ. राव ने अपने संबोधन में कहा कि प्लास्टिक को मुख्य रूप से थर्मोप्लास्टिक व थर्मोसेटिंग पॉलिमर के रूप में वर्गीकृत किया गया है!मूलरूप से यह सिंथेटिक पालीमर है जिसमें कई कार्बनिक व अकार्बनिक यौगिक होते है जो ज्यादातर आलेफिन जैसे पेट्रोकेमिकल्स से प्राप्त होते होते है!आमतौर पर 500-1000 वर्षो में खराब या नष्ट होता है!प्लास्टिक बनाने से कई रसायन निकलते है जो जीवों के लिए काफी खतरनाक होते है!विनायल क्लोराइड जिसका इस्तेमाल पीवीसी पाईपों के निर्माण में किया जाता है इसको कैंसर जनक के रूप में वर्गीकृत किया गया है!प्लास्टिक से मृदा प्रदूषण के अलावा जल व वायु प्रदूषण हो रहा है जिससे कई गंभीर बीमारियाँ उत्पन्न हो रही हैं! हर साल विश्व में लगभग 100 मिलियन टन प्लास्टिक का उत्पादन होता है जिसमें से 25 मिलियन टन नष्ट नहीं होते है | विश्व में लगभग 70,000 टन प्लास्टिक महासागरों में फेक दिए जाते है जिससे जलीय जीवों के श्वसन मार्ग में अवरोध उत्पन्न होने के कारण मर जाते है!एक किलो प्लास्टिक के जलाने पर 3 किलो कार्बनडाईऑक्साईड निकलता है जो ग्लोबल वार्मिंग का एक बड़ा कारण है!केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की रिपोर्ट के अनुसार लगभग 9205 टन प्रतिवर्ष प्लास्टिक के कूड़ा को रिसाइकिल किया जाता है जो प्लास्टिक के कूड़े का 60 प्रतिशत है बाकी 6137 टन अर्थात 25 प्रतिशत प्लास्टिक का कूड़ा इधर उधर पड़े रह जाते है!डॉ. राव ने प्लास्टिक अवशिष्ट पदार्थों के निवारक उपाय बताते हुए कहा कि शॉपिंग के लिए ज्यादातर पेपर या कपडे से बने बैग का इस्तेमाल करें!यह अपने दैनिक दिनचर्या में शामिल करना चाहिए कि जब भी हम बाहर सामान खरीदने जाते है तो अपने साथ कपड़े का थैला साथ में लेकर निकले!पानी में इधर उधर डपिंग प्लास्टिक के उचित निपटान सुनिश्चित करना चाहिए, आवश्यकता पड़ने पर बायोडिग्रेडेबल प्लास्टिक बैग का उपयोग, अपने घर के प्लास्टिक कचड़े को एकत्रित कर नगरपालिका द्वारा रखी गई कचरे डब्बे में डालना इत्यादि उपाय कर हम प्लास्टिक अवशिष्ट पदार्थ का प्रबंधन सही तरीके से कर सकते है!कैडेट अंकित सिंह एवं विशाल शर्मा ने इससे सम्बंधित सवाल भी किये जिसका समाधान किया गया साथ ही एनसीसी अधिकारी द्वारा धन्यवाद ज्ञापन किया गया!इसके पूर्व यूनिट के कैडेटों द्वारा सार्वजानिक पार्क में सफाई अभियान के साथ ही सार्वजानिक जगहों पर चलते हुए कूड़े को भी एकत्रित किया गया!
विनोद साहू के रिपोर्ट