भाजपा नेताओं के दादा-नाना तक जाने के पहले बघेल अपने आकाओं और अपनी सरकारों के कार्यकाल की सच्चाइयाँ जान लें’।भाजपा प्रवक्ता मूणत ने बघेल पर सरकारी उपक्रमों को लेकर झूठ और नफ़रत की राजनीति करने का आरोप लगा तीखा हमला बोला
रायपुर:- भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता व पूर्व मंत्री राजेश मूणत ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर सरकारी उपक्रमों के विनिवेश व निजीकरण को लेकर झूठ और नफ़रत की राजनीति करने का आरोप लगाया है। श्री मूणत ने कहा कि भाजपा नेताओं के दादा-नाना तक जाने के पहले मुख्यमंत्री बघेल अपने आकाओं और कांग्रेस सरकारों के कार्यकाल की सच्चाइयों से रू-ब-रू हो लें।
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता व पूर्व मंत्री श्री मूणत ने कहा कि राजनीतिक विरोध में मुख्यमंत्री बघेल भाषायी मर्यादा को नज़रंदाज़ कर अपनी निम्नस्तरीय राजनीतिक सोच का प्रदर्शन कर रहे हैं और मुख्यमंत्री पद की गरिमा से अशोभनीय खिलवाड़ कर रहे हैं। इस भाषा में वही झलक दिखलाई दे रही है जो आपातकाल में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की भाषा हुआ करती थी। सत्तावादी अहंकार की प्रतीक इस सड़क छाप भाषा की भाजपा भर्त्सना करती है। श्री मूणत ने कहा कि यह बड़ी ही हैरत की बात है कि सत्ता की लालसा में देश को धर्म के आधार पर दो टुकड़ों में बाँटने वाला खानदान और उसके चापलूस सिपहसालारों का ग़िरोह अब देशभक्ति का प्रमाणपत्र देने लगा है! आपातकाल कांग्रेस और स्व. इंदिरा गांधी के कार्यकाल की अविस्मरणीय कलंक-कथा है और आज छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के लोग पत्रकारों, विरोधी राजनीतिक कार्यकर्ताओं पर बर्बर हमले करके उसी आपातकाल का माहौल बनाने में लगे हैं। यह निंदनीय है, और प्रदेश अब कांग्रेस की आपातकाल वाली इस प्रवृत्ति को क़तई बर्दाश्त नहीं करेगा।
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता व पूर्व मंत्री श्री मूणत ने कहा कि सरकारी उपक्रमों में विनिवेश और निजीकरण की शुरुआत तो कांग्रेस के शासनकाल में ही हो चुकी थी। पूर्व प्रधानमंत्री स्व. पीवी नरसिम्हा राव के कार्यकाल में वित्त मंत्री रहते हुए ख़ुद मनमोहन सिंह ने ही सन 1991-92 के बज़ट में निजीकरण शुरू किया। वित्त मंत्री रहते हुए ही मनमोहन सिंह ने सरकारी कंपनियों को विनिवेश करने की भी मंजूरी दी और उन्हें अधिक स्वतंत्रता दी गई। श्री मूणत ने यह कहते हुए कि, एक समय तो कांग्रेस समर्थित सरकार के कार्यकाल में देश का सोना गिरवी तक रख दिया गया था, सवाल किया कि क्या देश का सोना इनके दादा-नाना का था, जो गिरवी रख आए थे? लाखों वर्ष में बना भारत इनके दादा-नाना की पुश्तैनी जायदाद नहीं था, जिसे धर्म के नाम पर ज़िन्ना के साथ केक की तरह बाँट लिया गया।
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता व पूर्व मंत्री श्री मूणत ने कहा कि प्रधानमंत्रित्व के अपने दूसरे कार्यकाल में मनमोहन सिंह ने अप्रैल 2009 से मार्च 2014 के दौरान पाँच में से चार बज़ट में विनिवेश लक्ष्य घोषित किया था और इस दौरान विनिवेश से हुई कुल प्राप्तियाँ 99,367 करोड़ रुपए रही थीं। सन 2011-12 में मनमोहन सिंह ने 40 हज़ार करोड़ रुपए के विनिवेश का लक्ष्य रखा था। श्री मूणत ने तीखा हमला बोलते हुए कहा कि कोयला, स्पेक्ट्रम, आदर्श सोसाइटी जैसे घोटालों का जो सिलसिला संप्रग शासनकाल में चला, वह न केवल देश को बेचने का एक षड्यंत्र था, अपितु इन घोटालों ने देश के करोड़ों लोगों के मुँह का निवाला तक छीन लिया था। श्री मूणत ने पलटवार कर कहा कि कोयला, स्पेक्ट्रम आदि क्षेत्र किसी की पुश्तैनी सम्पत्ति नहीं थी, जहाँ कांग्रेस और उसकी सहयोगी राजनीतिक पार्टियाँ लूट मचाए बैठी थीं।
श्री मूणत ने सीएम के भाषण को झूठ का पुलिंदा बताते हुए कहा कि अपने ‘ख़ानदानी आकाओं” को महिमामंडित करने के लिए चापलूसी की सारी हदें पारकर पूर्व प्रधानमंत्री स्व. लालबहादुर शास्त्री के जय जवान-जय किसान नारे के साथ शुरू आत्मनिर्भर भारत की पहल को भी नकारा जा रहा है।