जांजगीर-चांपा

बिना डिग्री के झोपड़ियों में क्लीनिक का संचालन कर इलाज किया जा रहा है,झोलाछाप डॉक्टरों द्वारा।

मालखरौदाः- क्षेत्र में झोलाछाप डाॅक्टरों की भरमार हो गई हैं। प्रत्येक गांव में एक दो लोग कुर्सी टेबल लगाकर डाॅक्टरी करने लगे हैं। खासतौर पर बंगाली जो अपने राज्य को छोड़कर क्षेत्र में आकर अपने आप को डाॅक्टर बताकर इलाज कर रहें हैं। बिना डिग्री के झोपड़ियों में क्लीनिक का संचालन कर इलाज किया जा रहा है। सर्दी, खांसी, जुकाम से लेकर कैंसर तक के इलाज का दावा करने से ये झोलाछाप बाज नहीं आ रहे। इलाकों में घूम-घूमकर इलाज करने वाले अपने कंधे पर दवाइयों, इंजेक्शनों का बैग लटकाकर बिना डिग्री के डॉक्टर इन दिनों आसानी से देखे जा सकते है क्षेत्र के अधिकांश इलाकों में झोलाछाप डॉक्टर एक छोटे से कमरे में अपनी क्लीनिक खोलकर मरीजों का इलाज कर रहा है। साथ ही मोटी रकम वसूल कर रहें है। क्लीनिक में ढंग से बैठने की भी जगह नहीं है और मामूली जुकाम से लेकर मलेरिया, टाइफाइड, पेट में अल्सर, लकवा, कैंसर जैसी बीमारियों के इलाज का दावा करते हैं। यही नहीं क्लीनिक में सुबह से शाम तक लोगों का इलाज करते देखे जा सकते हैं। इलाज के दौरान किसी मरीज की तबियत ज्यादा खराब होने की स्थिति में उक्त डॉक्टर अपना हाथ खड़े कर देते है। ग्राम देवरघटा, तौलीपाली, भांटा एवं फगुरम साहित क्षेत्र में झोलाछाप डॉक्टर कुकुरमुत्ते की तरह उग आए है, जिनमे से अनेकों ने अपनी-अपनी दुकानें भी संचालित कर रखी है और किसी डिग्रीधारी चिकित्सक की तरह बकायदा मरीजों का उपचार भी कर रहे है। इन अवैध क्लीनिक में तमाम तरह की मेडिसिन, इंजेक्शन भी उपलब्ध रहते है।

Reported by admin

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