सारंगढ़

सरकारी ब्लड बैंक की विकलांगता आखिर कब होगी दूर?

सारंगढ़ अंचल में लगभग दो से ढाई लाख आबादी क्षेत्र का इकलौता सरकारी ब्लड बैंक वो भी अपाहिज स्थिति में! दुर्भाग्य की बात ये है कि जिला बनने के पूर्व से स्थापित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र परिसर में लोगों की आँखों में धूल झोंकने के हिसाब से ब्लड बैंक के नाम से केवल स्टोरेज की सुविधा तक सीमित प्रबंध किया गया। इसमें सबसे अधिक नुकसान हम जैसे गरीब लोगों को है जिन्हें प्राइवेट ब्लड बैंक से अधिक शुल्क में ब्लड खरीद;आर्थिक भार से जूझने का पहला और आखिरी विकल्प है; सब मजबुर हैं।ऐसा नहीं कि गरीब मरीजों की दयनियता से स्वास्थ्य अधिकारी परिचित ना हुए हों किंतु मजाल है कि आज अस्पताल बने,ना जाने कितने वर्ष पार होने बावजुद हॉस्पिटल में एक पूर्ण ब्लड बैंक स्थापित कर पाएं!
ABVP के लगातार प्रयासों और अंचल की मांग से रक्तकोषालय का आगमन तो हुआ लेकिन सारंगढ़ का हर सौगात,कुटिल राजनैतिक प्रपंच की शिकार होती है इसी बात को सही प्रमाणित करता ये अस्पताल प्रांगण पर विकलांग स्थिति से सुसज्जित ब्लड बैंक है जिसकी पूर्ण व्यवस्था पर कहीं चर्चा करें तो एक ही प्रतिक्रिया मिलेगी;जिला बन गया है सब धीरे से पुरा होगा!

कितना दिन हो गया जिला बने फिर एक ही बहाना क्यों??

क्या इतने दिनों में आजतक कभी किसी प्रशासनिक अधिकारी ने जायजा या जानकारी लेना उचित समझा है??

क्या इस विषय में किसी नेता ने अपना मुँह खोला है??

क्या मरीजों की रक्त सम्बंधित समस्याएं पूर्ण व्यवस्था देख कर आएगी??

किस अधिकारी/ नेता के परिवारजन इस अस्पताल में भर्ती होते हैं??

रिक्त(बाकी) आवश्यक प्रबंध में क्या व्यवधान हैं जिसके आड़ में स्वास्थ्य विभाग अपने हाथ खड़े कर दे रहा है??

“पुछता है सारंगढ़ ब्लड बैंक”

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button