सारंगढ़

खगेश जांगड़े और महक रात्रे की गणेश चतुर्थी पर धूम

सारंगढ़!! खगेश जांगड़े और महक रात्रे ये दोनों सारंगढ़ अंचल के छोटे गांव से निकल पूरे छत्तीसगढ़ में अपनी कला को बिखेर रहे है। महक रात्रे बहुत कम समय मे छत्तीसगढ़ की स्वर कोकिला के नाम से प्रसिद्ध हो गई है इनकी मधुर आवाज सुन कर हर कोई झूमने को मजबूर हो जाता है। इस वर्ष गणेश चतुर्थी पर खगेश जांगड़े द्वारा रचित हिंदी गणपती भजन ”आया मोरिया रे” और छत्तीसगढ़ि में “बप्पा मोरिया” को छत्तीसगढ़ कला संस्कृति क्षेत्र में भीष्म पितामह के नाम से पहचाने जाने वाले मोहन सुन्दरानी जी द्वारा सुन्दरानी यूट्यूब पर लॉन्च किया जिसे महक रात्रे और खगेश जांगड़े ने अपनी स्वर से सजाया है। ये दोनों गीत लोगो द्वारा बहुत पसंद किए जा रहे है और गांव, गली, शहर में डीजे पर भी धूम मचा रहे है। महक रात्रे आज कोई परिचय के मोहताज नही है छत्तीसगढ़ के माटी से जुड़े गीत, छत्तीसगढ़ महतारी पर, और छत्तीसगढ़ के संस्कृति पर बहुत सारा गाना गा चुकी है मोहन सुन्दरानी जी हमेशा नया कलाकारों को मौका देते है जैसे हीरे के परख जोहरी को पता होता है वैसे ही मोहन सुन्दरानी जी है। महक रात्रे मोहन सुन्दरानी जी का बेहतरीन खोज है। खगेश जांगड़े हर रूप में नजर आते है चाहे गायक के रूप में हो या अभिनय हो अब खगेश जांगड़े को रचना गीत भी सुनने को मिला। हर रूप में परफेक्ट साबित होते है खगेश जांगड़े, लगन और मेहनत से कोई भी मुकाम हासिल कर सकते है यह हमें खगेश जांगड़े पर देखने को मिलता है। कम समय पर पूरा छत्तीसगढ़ में पहचान बनाया है। अभी इनका गणपति गीत पूरा छत्तीसगढ़ में धूम मचा रहे है!

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