जशपुर जिला

मयाली में ब्लास्टिंग से मौत के बाद ग्रामीण हुए एकजुट ,पत्थर खदान हमेशा के लिए बंद करने की मांग

विशेष ग्राम सभा का होगा आयोजन सर्वसम्मति से खदान बंद करने,लीज निरस्त करने का पारित होगा प्रस्ताव

जशपुर

जिले के कुनकुरी के मयाली नेचर कैम्प के ठीक सामने मधेश्वर महादेव क्षेत्र में आधा दर्जन से अधिक पत्थर खदानों की लीज ने ग्रामीणों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं।एक ओर अवैध ब्लास्टिंग से जहाँ पर्यावरण प्रदूषित होने के साथ प्राकृतिक विषमताएं बढ़ रहीं हैं वहीं आम जनमानस प्रदूषण के कारण दिनों दिन बीमार होता जा रहा है।वहीं ब्लास्टिंग के कारण हर रोज ग्रामीण दहशत के साए में जीने को मजबूर हैं।

कलेक्टर ने गठित की जांच समिति

जिला जशपुर अंतर्गत ग्राम जोकारी तहसील कुनकुरी स्थित ख.नं. 401 / 1 रकबा 4.000 हे. क्षेत्र पर अभय कुमार सोनी निवासी जशपुर तहसील जशपुर के पक्ष में स्वीकृत गौण खनिज साधारण पत्थर उत्खनिपट्टा क्षेत्र मे दिनांक 15.02.2023 को पत्थर उत्खनन के दौरान ब्लॉस्टिंग किये जाने से खदान के समीप एक बालिका की दुर्घटना में मृत्यु होने संबंधित सूचना प्राप्त हुई है। उक्त घटना की जांच के लिए तत्काल प्रभाव से निम्नलिखित अधिकारियों की जांच दल गठित की जाती है।जांच दल में अपर कलेक्टर, जशपुर,अनुविभागीय अधिकारी (पुलिस), कुनकुरी,खान सुरक्षा निदेशक, रायगढ़ क्षेत्र, रायगढ़,क्षेत्रीय अधिकारी, पर्यावरण संरक्षण, मण्डल, रायगढ़,तहसीलदार, कुनकुरी,खनिज अधिकारी, जशपुर शामिल रहेंगे।07 दिवस के भीतर कलेक्टर ने जांच का स्पस्ट अभिमत जांच टीम से मांगा है।

उल्लेखनीय है कि 15 फरवरी को एक स्कूली छात्रा की मौत ब्लास्टिंग से हो गई थी।जिसके बाद ग्रामीणों ने शव को सड़क पर रखकर प्रदर्शन करते हुए खदान बंद कराने की मांग पर अड़े हुए थे।स्थानीय विधायक यूडी मिंज व पुलिस प्रशासन की समझाईश के बाद लोगों ने चक्काजाम हटाया था।

कुनकुरी थाना प्रभारी एलआर चौहान ने बताया कि उक्त मामले में खदान संचालक,मैनेजर व ब्लास्टर के विरुद्ध आईपीसी की धारा 304a के तहत अपराध पंजीबद्ध कर मामला विवेचना में लिया गया है।

हांलाकि पीड़ित पक्ष को हर संभव मदद का भरोसा जिला प्रशासन ने दिया है।वहीं पीड़ित परिवार को दस लाख मुआवजे की घोषणा भी जिला कलेक्टर ने की है।

स्थानीय ग्रामीण इससे खौफ़ में हैं वे किसी भी कीमत पर खदानों को बंद कराना चाहते हैं।उल्लेखनीय है कि मयाली के भंडरी व जोकारी पंचायत में एक ही पहाड़ पर कई पत्थर खदान व क्रेशर संचालित हो रहे हैं।लंबे समय से यहां ग्रामीण पत्थर के डस्ट से परेशान हैं उन्हें स्वास्थ्यगत परेशानी भी हो रही है।इसके अलावा खदान से महज दो सौ मीटर पर स्कूल होने के कारण आए दिन स्कूली बच्चे दहशत में पढ़ने को मजबूर हैं।स्कूलों और आसपास के घरों की दीवारों में दरार आ चुकी है।अवैध ब्लास्टिंग से लगातार जान माल की क्षति हो रही है।

भंडरी के सरपंच अनिल कुमार ने बताया कि सभी ग्रामवासी पत्थर खदान के विरोध में एकजुट हैं।विशेष ग्राम सभा का आयोजन कर खदान बंद करने का प्रस्ताव पारित किए जाने की बात उन्होंने की है।ग्रामीणों ने अपनी दो मांगे प्रशासन को सुना दी है ग्रामीणों ने कहा है (१) सभी खदान हमेशा के लिए बंद होना चाहिए (२) ग्रामीणों की मांग है की आरोपियों के उपर हत्या का अभियोग दर्ज हो.

इन खदानों के संचालक,जिन्हें आम जनता की समस्याओं से कोई सरोकार नहीं।ऐसे में केवल स्वार्थपूर्ति के लिए ग्रामीणों की जिंदगी से खिलवाड़ करते हुए खदान संचालक सीधे प्रकृति को चुनौती देते नजर आ रहे हैं।सरपंच अनिल कुमार ने बताया कि जिस खदान में ब्लास्टिंग से छात्रा की मौत हुई वह अभय सोनी की है।बिना सूचना के खदान में आए दिन बड़ी ब्लास्टिंग की जाती है।जिसके कारण ग्रामीण परेशान हैं।

ज्ञात हो कि मयाली नेचर पार्क क अपोजिट चलने वाले खदान में ब्लास्ट की वजह से पत्थर चिटककर बालिका पर गिरी और बालिका की मौत हो गयी इस पर खदान संचालक का बयान आया उसने कहा बालिका की मौत हाइवा की ठोकर से हुयी.खदान संचालक का यह बयान बताता है वो कितना संवेदनशील है
ब्लास्ट का तय समय शाम को सूर्यास्त से पहले का है जबकि ब्लास्ट साढ़े चार बजे किया गया जो अनुचित है
ब्लास्ट के लिए जो होल किया गया वह चार से पांच इंची का होल है जो आबादी क्षेत्र मे नही किया जाता है इसके साथ ही ब्लास्ट की पूर्व सूचना संबंधित थाने मे २४ घंटे पूर्व देनी होती है जिसका पालन नही किया गया
बहरहाल अब देखना होगा कि ग्राम पंचायत के फैसले के बाद जिला प्रशासन पत्थर खदानों की लीज निरस्त करते हुए खदानों को बंद कराती है या नहीं ?

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