खाना की तलाश में जंगल छोड़ गांव पहुंचे बंदर गांव में बंदरों को कराये भोजन।

डोंगरीपाली / जंगलों की बंदर अब शहर में दिखने लगे अभ्याअरण्य जंगल की लगातार कटाई हो रही है। और जंगली जानवरों के रहने और खाना की जंगल मे कुछ जुगाड़ नही हो पाने से भोजन की तलाश में अब बंदर गांव की आने पर मजबूर हो रहे है। बरमकेला में बंदरों के झुण्ड जिससे बस्ती अंदर कई बार देखने को मिल रहे है। बंदर आते है गांव वाले प्यार से उन्हें खाना खिलाते है। अब लोग बंदरों और इंसानों का प्यार देख पूरे गांव में खुशी का माहौल है।
वही समाज सेवी गोपाल बाघे ने बंदरो की झुंड को अपने हाथों से प्यार से बिस्कुट ,मूंगफली ,चना खिलाकर मानवता की परिचय दिया है। आय दिन बंदरो ने गांव व शहर में पहुच कर भूख मिटा रहे हैं।
बंदर शांति से चना मूंगफली खाते हैं और किसी को कोई प्रकार का नुकसान नहीं पहुंचाते हैं. मोहल्ले वासियों और बंदरों के बीच एक दोस्ताना सा माहौल बन गया है। बंदर और इंसान की ये प्यार देखकर गांव वाले बहुत खुश नजर आते है। और बंदरों को खाने के लिए देते है खास बात ये है की बंदर भी इंसानों को कुछ नही करते और मज़े से खाते है फिर चले जाते है।

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