कोरबा

कोरबा- जनपद उपाध्यक्ष ने लम्बे समय से जमे सचिवों की स्थांतरण करने की कलेक्टर से की मांग

लाइव भारत 36न्यूज से बोधन चौहान

कोरबा- जनपद उपाध्यक्ष श्रीमती कौशिल्या वैष्णव ने एक ही जगह टिके सचिवो को स्थांतरण करने की मांग की है श्रीमति वैष्णव ने बताया की
ग्राम पंचायत अधिकारियों (सचिव) के स्थानांतरण और रोक के खेल में अधिकतर ग्राम पंचायतों का विकास ढीला पड़ गया है। माननीयों के कृपापात्र सचिवों के पास जहां 15 से 16 गांव हैं तो वहीं किसी के पास एक भी गांव देखने को नहीं है।

केंद्र और प्रदेश सरकार गांवों के विकास पर विशेष जोर दे रही है। राज्य और 14वें 15 वें वित्त के धन से आवास, शौचालय, तालाब के सुंदरीकरण समेत अन्य विकास कार्य कराए जाते हैं। ग्राम प्रधान के साथ ही ग्राम पंचायत अधिकारी विकास कार्यों की मुख्य धारा में रहते हैं। बजट आहरण से लेकर निगरानी की जिम्मेदारी सचिवों की रहती है। पिछले दिनों करतला व अन्य ब्लॉकों में सचिवों को इधर-उधर किया गया। कुछ सचिव तो स्थानांतरण स्थल पर चले गए, लेकिन कई सुबह स्थानांतरित हुए तो शाम तक लौट आए। भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरे कई सचिव तो सत्तासीन नेताओं की कृपा से स्थानांतरण नीति को भी बेकार साबित कर रहे हैं। बानगी के तौर पर कोरबा ब्लॉक के चिर्रा गुरमा सेलवा जामबहार दोंदरो भुलसीडीह चुइया गांव का मामला ही ले लिया जाए तो यहां सेक्रेटरी के खिलाफ कई बार ग्रामीणों ने आला अधिकारियों से शिकायत की।

स्थानांतरण भी हो गया, लेकिन एक से दो दिन में उसी गांव में फिर तैनाती दे दी गई, जबकि उस क्षेत्र में आए सेक्रेटरी भी वहां से नहीं हट सके। ऐसे में कई ग्राम प्रधान भी असमंजश में हैं कि किस सचिव से चेक आदि कटवाएं। सूत्रों की मानें तो सत्ता के करीबी सचिवों पर विभाग की विशेष मेहरबानी रहती है।

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