कोरबा

मेहनत इतनी खामोशी से करो कि सफलता शोर मचा दे:- सियाराम कश्यप (सहायक शिक्षक

कोरबा/रामपुर:- मनुष्य की जिंदगी में सुख और दुख तो लगा ही रहता है, लेकिन दुख के समय में कई लोग बुरी तरह टूट जाते हैं, और आगे बढ़ने की उम्मीद छोड़ देते हैं। ऐसे समय में उन लोगों को कई बार मोटिवेशन अर्थात प्रेरणा की जरूरत होती है। वहीं छात्रों के जीवन में भी पढ़ाई का और अच्छे अंक लाने का काफी टेंशन रहता है।

वहीं कई बार तो पढ़ाई करने के बाद भी अच्छे नंबर नहीं आते हैं या फिर उनका मन पढ़ाई में नहीं लगता है, बल्कि खेलकूद अथवा अन्य गतिविधि में लगता है, जिसकी वजह से वे बेहतर प्रदर्शन नहीं कर पाते हैं। ऐसे समय में छात्रों के अंदर प्रेरणादायक भाषणों के माध्यम से सही मार्गदर्शन करने और उनके अंदर आगे बढ़ने का जज्बा कायम किया जाता है।

“मेहनत इतनी खामोशी से करो कि सफलता शोर मचा दे।”

जो विद्यार्थी, किसी अन्य विद्यार्थी अथवा सहपाठी के टॉप करने पर यह सोचते हैं, कि उन्होंने यह सफलता रातों-रात हासिल की है, या फिर उसकी अच्छी किस्मत होने की वजह से उसने यह मुकाम हासिल किया है, उनका यह सोचना सरासर गलत है, क्योंकि सफलता किसी को भी एक झटके में नहीं मिलती, लेकिन लगातार प्रयास करते रहने से एक दिन जरूर मिलती है।

सफलता उन्हीं को मिलती है, जिनके जीवन का एक लक्ष्य होता है और वे अपने लक्ष्य के प्रति ईमानदार होते हैं और अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए सच्चा दृढ़संकल्प लेते हैं, और इसके लिए वे लगातार प्रयास करते रहते हैं।

वहीं महान विद्धान स्वामी विवेकानंद जी ने भी अपने एक महान विचार के माध्यम से सफलता का सूत्र बताया है, उन्होंने कहा है कि-

“अपने जीवन का एक लक्ष्य निर्धारित करो और सभी दूसरे विचार को अपने दिमाग से निकाल दो यही सफलता की पूंजी है “

इसलिए सभी छात्रों को भी अपने जीवन में एक लक्ष्य का निर्धारण करना चाहिए, और अपनी पढ़ाई के प्रति गंभीर रहना चाहिए, तभी वे अपने जीवन में सफलता हासिल कर सकते हैं।

वहीं कुछ छात्र ऐसे भी होतें हैं, जो सिर्फ परीक्षा के समय में ही पढ़ते हैं, और पूरी साल मौज-मस्ती और अपने दोस्तों के साथ खेलकूद में अपना समय बर्बाद कर देते हैं, तो ऐसे छात्र पास तो हो जाते हैं लेकिन कुछ खास सफलता हासिल नहीं कर पाते हैं।

वहीं दूसरी तरफ जो छात्र पूरी साल मेहनत, लगन और ईमानदारी से पढ़ाई करते हैं, वो ही क्लास में टॉप करते हैं।

वहीं जिन छात्रों को पढ़ाई करने से डर लगता है, अथवा यह सोचते हैं कि वे फेल हो जाएंगे, और इसलिए मेहनत नहीं करते, तो उनका ऐसा सोचना बिल्कुल गलत है, क्योंकि किसी काम को करने के लिए प्रयास करने और विश्वास रखने की जरूरत होती है।

इसलिए, सभी छात्रों को एक ध्येय बनाना चाहिए, और उसे पाने के लिए बिना रुके तब तक प्रयास करते रहना चाहिए, जब तक की उसे पा नहीं लें।

“सफलता पाने के लिए हमें पहले विश्वास करना होगा की यह हम कर सकते हैं”

“हमारी सबसे बड़ी कमजोरी हार मान लेना है, सफल होने का सबसे निश्चित तरीका है हमेशा एक और बार प्रयास करना” ।

कई छात्र ऐसे होते हैं जो मेहनत तो करते हैं, लेकिन फिर भी उन्हें सफलता नहीं मिलती है, जिसकी वजह से वे निराश होकर मेहनत करना ही छोड़ देते हैं और अपनी किस्मत को दोष देने लगते हैं, लेकिन उन्हें निराश नहीं होना चाहिए बल्कि कई ऐसे सफल लोगों से सीख लेनी चाहिए।

जिन्होंने तमाम असफलता के बाद सफलता हासिल की है, क्योंकि सफलता पाने के लिए हर किसी को कड़ी मेहनत, संघर्ष और कई असफलताओं से गुजरना पड़ता है। ऐसे बेहद कम लोग होते हैं जिन्हें बिना मेहनत और संघर्ष के ही अपनी मंजिल मिल जाती है।

हर किसी के पास अपना अलग सामर्थ्य और काबिलियत होती है। कोई छात्र पढ़ाई में अव्वल होता है, तो कोई छात्र स्पोटर्स्, म्यूजिक, डांस आदि क्षेत्रों में आगे होता है, जरूरी नहीं कि आप भी अपने क्लास में टॉपर की तरह 95 फीसदी अंक लाओ तभी आपका भविष्य संवर सकता है।

बल्कि जरूरी यह है कि आप अपने अंदर की काबिलियत को समझे और सही दिशा में आगे बढ़ने के लिए अपने लक्ष्य का निर्धारण करें और उसे पाने के लिए खूब प्रयास करें तभी आप सफल इंसान बन सकते हैं।वहीं इस पर किसी महान व्यक्ति ने भी कहा है कि

“जहां तुम हो वहीं से शुरूआत करो, जो कुछ भी तुम्हारे पास है उसका उपयोग करो और वह करो जो तुम कर सकते हो”

कई छात्र ऐसे भी होते हैं जो सफल तो होना चाहते हैं, लेकिन इसके लिए प्रयास नहीं करते और अपना काफी समय गवां देते हैं, जिसके बाद एक पल ऐसा आता है, जब उन्हें लगता है कि काश मैने भी मेहनत की होती तो आज में सफल हो जाता।

इसलिए अगर जिस काम के बारे में सोचो तो उसे करने का प्रयास जरूर करो क्योंकि वक्त निकलने में टाइम नहीं लगता और फिर जिंदगी में काश शब्द के सिवाय और कुछ नहीं बचता साथ ही प्रयत्न नहीं करने का पूरी जिंदगी भर अफसोस होता है।

इसके अलावा कई छात्र ऐसे भी होते हैं, जो किसी कॉम्पटीटिव एग्जाम या फिर कोई भी परीक्षा देने से पहले ही सोच लेते हैं कि उनका सेलेक्शन नहीं होगा, और वे इसके लिए मेहनत भी नहीं करते हैं।

इसलिए ऐसा न करें क्योंकि किसी काम को जब तक पूरी निष्ठा के साथ नहीं किया जाता, तब तक वह करना नामुमकिन लगता है और जिंदगी में सफलता नहीं मिलती हैं ।

“जब तक किसी काम को किया नहीं जाता तब तक वह असंभव लगता है”

फिलहाल, हम सभी को हमने काम के प्रति ईमानदार रहना चाहिए और एक सच्चे दृढ़संकल्प के साथ आगे बढ़ना चाहिए, तभी हम अपनी जिंदगी में सफल हो सकते हैं और सफलता की नई ऊंचाइयों को हासिल कर सकते हैं ।

“न कभी भूतकाल के बारे मे सोचो और न ही भविष्य की चिंता करो, अपने दिमाग को सिर्फ वर्तमान में लगाओ ।

धन्यवाद

सियाराम कश्यप( सहायक शिक्षक)
बालक प्रा.शा.रामपुर
वि.खं.- करतला
जिला – कोरबा
( छ.ग.)

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