बेमतलब राजनीतिक स्टंट करने के बजाय सांसद को कमरतोड़ महंगाई, जीएसटी और दो करोड़ रोजगार के मुद्दे पर मुँह खोलना चाहिए:-मनोज सागर यादव
कुनकुरी :-
कांग्रेस जिला अध्यक्ष मनोज सागर यादव ने कई विषयों पर रायगढ़ लोक सभा सांसद गोमती साय को मुँह खोलने
और चुप्पी तोड़ने को कहा है
जिला अध्यक्ष ने कहा कि सरगुजा के कई जिलों में एक ओर कम बारिश से किसान परेशान है दूसरी ओर सांसद महोदया को राजनीती सूझ रही है यह शर्मनाक बात है किसानों के साथ सांसद गोमती साय राजनीति कर रही है राजनीति के लिए और भी विषय होते है यह उन्हें सोंचना चाहिए
उन्होंने कहा क़ि विधायक यू.डी. ने अपने विधायक साथियों के साथ मुख्यमंत्री जी से मिलकर सरगुजा संभाग के सूखा से अवगत कराया और संवेदनशील मुख्यमंत्री ने तत्काल इसे गंभीरता से लेकर मुख्यसचिव स्तर की समीक्षा कराई है कलेक्टर ने समीक्षा करके अपनी रिपोर्ट दी है तो सांसद महोदया प्रशासन से बात क्यों नहीं करती है कि वस्तुस्थिति क्या है जबकि वे अनावश्यक राजनीतिक स्टंट करने में लगी है.
उन्होंने कहा कि सांसद महोदया जी को हमारे विधायकों और यशस्वी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी की सरकार की संवेदना शीलता पर प्रश्न चिन्ह लगाने के बजाय प्रधानमंत्री जी से पूछना चाहिए कि उन्होंने आम जनता का कमर तोड़ने की जो कोशिश की है उसे कब रोकेंगे आज लोग महंगाई से परेशान है, डेली उपयोग की वस्तुओं में जीएसटी लगा रही है तरह तरह के टैक्स लगा कर जनता का जीना मुहाल कर दिया है
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार हर साल दो करोड़ नौकरियाँ देने का वादा किया था, इस वादे का क्या हुआ?ऐसे में सांसद जी के मुँह में ताला क्यों लग जाता है इस पर भी उन्हें अपनी चुप्पी तोड़नी चाहिए.
आजादी के बाद पहली बार देश की उत्पादकता इतने निचली स्तर पर है। नोटबंदी, जीएसटी जैसे अदूरदर्शी निर्णयों ने देश के उद्योग धंधे और अर्थतंत्र की कमर को तोड़कर रख दिया है। मोदी सरकार ने एक भी सार्वजनिक उपक्रम नहीं लगाया। देश में एक भी बड़ा सिंचाई का बांध, विद्युत संयंत्र नहीं बनाया गया। मुनाफा देने वाली 22 सरकारी कंपनियों को बेच दिया गया। इस पर बोलने पर क्या सांसद महोदया के मुँह में दही जम जाती है.
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय राजमार्ग 8 साल से बन नहीं पा रहा सांसद महोदया नारियल फोड़ कर पेपरबाजी करती है लेकिन बन नहीं पा रहा और आम लोग परेशान हो रहे है इस पर उनका मुँह बंद हो जाता है.
सांसद महोदया को इस पर भी बोलना चाहिए कि केंद्र सरकार ने अच्छे दिन का वादा करके लोगों को बुरे दौर में पंहुचा दिया है. लोगों को उम्मीद थी कि उनके पास अधिक आय होगी, सुरक्षा व्यवस्था बेहतर होगी और उन्हें नई-नई सहूलियतें मिलेंगी। लेकिन अंत में जनता को बहुत थोड़े से संतोष करना पड़ रहा है उन्हें निराशा मिल रही है और ये अपनी ही ढ़ोल पीटने में लगी है इन सब पर भी अपना मुँह खोलिये सांसद महोदया ताकि जनता भी आपके कथनी करनी का अंतर समझ सके, कुछ बोलिए सांसद महोदया कुछ तो बोलिये मुँह तो खोलिये……….
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