विकास खंड फरसाबहार के इस स्कूल के शिक्षक शालेय समय मे शिक्षण कार्य छोड़कर निकले अभिभावकों से मिलने। बीईओ ने कही ये बांते
जशपुर नगर –
जिले में अधिकारियों की सतत मॉनिटरिंग के बावजूद शालाओं की हालत नाजुक बनी हुई है।अमूमन जिले के हर विकास खंड में आए दिन शिक्षकों की लापरवाही उजागर होती रहती है।एक तरफ तो सरकार विभिन्न प्रशिक्षण के माध्यम से शिक्षण के स्तर को सुधारने का हर जतन प्रयास कर रही है साथ ही विभाग के आला अधिकारियों के द्वारा भी लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है। वहीं कुछ ऐसे शिक्षक भी हैं जिन पर इनका कोई प्रभाव नजर आता नही दिख रहा है।
जशपुर जिले के स्कूलों मे इन दिनों अंगना म शिक्षा सह मेला का आयोजन किया जा रहा है।इसके लिए शिक्षक अभिभावकों से मिलने जा रहे हैं
ऐसा ही एक मामला विकास खंड फरसाबहार के प्राथमिक शाला टाकमुंडा में देखने को मिला।जब लाइव भारत 36 न्यूज की टीम इस स्कूल में पहुंची तो यहां तीन शिक्षकों मे सिर्फ एक ही शिक्षक शाला में मिले।जब उक्त शिक्षक से बाकी के दो शिक्षकों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि प्रधान पाठक ईश्वर चंद साहू अभिभावकों से मिलते हुए शाला आयेंगे।साथ ही एक शिक्षक के बारे में बताया की एक शिक्षक राजनाथ यदुवंशी अवकाश में हैं। जब इस संबंध में संकुल समन्वयक बालकिशुन प्रधान से फोन पर संपर्क किया गया तो उन्होंने उक्त शिक्षक के अवकाश से अनभिज्ञता जाहिर की।साथ ही विकास खंड कार्यालय में भी अवकाश से संबंधित कोई आवेदन नही मिलने की बात सामने आई। अब सवाल यह है कि क्या शाला के प्रधान पाठक के द्वारा शालेय समय में अभिभावकों से मिलना बच्चों को पठन पाठन कराने से ज्यादा जरूरी था ? क्या शालेय समय के बाद अभिभावकों से संपर्क नही किया जा सकता था? इस सवाल के जवाब में विकास खंड शिक्षा अधिकारी ने कहा कि शालेय समय में शिक्षकों को सिर्फ बच्चों को पढ़ाने का कार्य ही कर सकते हैं । अब देखना यह होगा की क्या खबर प्रकाशन के बाद भी शिक्षकों की रवैया मे सुधार आता है या इस प्रकार की ढर्राशाही बदस्तूर जारी रहेगी।
लाइव भारत 36 न्यूज से स्टेट हेड की रिपोर्ट