आई एम कलाम पहल की घोषणा काव्य संसद प्रमुख पुखराज प्राज ने की
रायगढ- काव्य संसद छत्तीसगढ़ के स्थापना दिवस के अवसर पर वर्चुअल गोष्ठी की आयोजन किया गया। संस्थापक पुखराज प्राज ने सर्वप्रथम काव्य संसद के उद्देश्य एवं वर्ष भर में समूह द्वारा किये गए साहित्यिक, सामाजिक एवमं जागरूकता कार्यक्रमों के संबंध में विस्तृत जानकारी समूह के सदस्यों को दिया। साथ ही पूर्ण वर्ष में जितने भी आयोजन हुए उनकी स्मारिका स्वरूप विडियो एवं ई-प्रलेख समूह के मध्य रखा। साथ ही भावी समय में काव्य संसद के द्वारा किये जाने वाले कार्यों के संबंध में एक खाका खिंचा। काव्य संसद के उपाध्यक्ष डिग्री लाल जगत निर्भीक ने काव्य संसद के कार्यक्रमों एवं सामाजिक पहलु पर कार्य करने के लिए समूह के सदस्यों को बधाई देते हुऐ, स्वरचित कविता का पाठ किया।
कार्यक्रम के अगली कड़ी में विविध कार्यक्रमों का संचालन सह संस्थापक सुन्दर लाल डडसेना मधुर ने किया। इस कड़ी में काव्य संसद के सह संस्थापक सुन्दर लाल डडसेना मधुर ने काव्य संसद के गठन से लेकर वर्तमान समय में संचालित कार्यक्रमों के बारे में विस्तृत जानकारी दिया। रायगढ़ के काव्य संसद सदस्य गुलशन खम्हारी ने काव्य संसद के कार्यक्रमों के संबंध में अपने विचार रखे, साथ ही भावी समय में और वृहद स्तर पर कार्यक्रमों की रूपरेखा के लिए विचार समूह के मध्य रखा। युवा कवयित्री पुष्पा पटनायक ने इस बीच काव्य संसद के प्रथम वर्षगांठ के उपलक्ष्य में कविता पाठ किया। बलौदाबाजार से साहित्यकार लीलाधर कुम्हार ने समूह के विभिन्न क्षेत्रों में कार्यों की प्रशंसा करते हुए। भावी समय में होने वाले विभिन्न कार्यक्रमों में सक्रियता के संबंध में अपने विचार समूह के सदस्यों के मध्य रखे। महासमुन्द से युवा हस्ताक्षर डिजेन्द्र कुर्रे ने समूह के विभिन्न सामाजिक पहलुओं पर कार्य करने के संबंध में हर्ष व्यक्त करते हुए। सभी सदस्यों को सक्रियता के लिए आभार व्यक्त किया। सूरजपुर से डॉ ओमकार साहू ने समूह के साहित्यिक, सामाजिक एवं जन-जागरुकता की सराहना करते हुए कहा कि यह अद्वितीय मंच है। सृजन के साथ-साथ सामाजिक चेतना के लिए साहित्यकारों में एक जुटता प्रदर्शित होता है। अगले वक्ता के रूप में रायगढ़ से युवा कवि अजय पटनायक ने सबसे सुन्दर है काव्य संसद का पटल रचना का पाठन किया। कांकेर से वरिष्ठ साहित्यकार मीरा आर्ची चौहान ने काव्य संसद के द्वारा किये जा रहे कार्यों के सराहना करते हुए। अपनी पुस्तक अंशु के विमोचन के संबंध में जानकारी समूह के बीच रखी। बालोद से साहित्यकार शैलेन्द्र चेलक ने काव्य संसद के एक वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में समूह के सभी साहित्यकारों को बधाईयाँ ज्ञापित की। जांजगीर-चांपा से काव्य सदस्य गिरधारी लाल चौहान ने कहा कि काव्य संसद के सृजन कार्यक्रम से जूड़ प्रसन्न हुँ, वहीं दैनिक सृजन के साथ- साथ विभिन्न विधाओं के बारे में भी सीखने-सीखाने की परम्परा से मन हर्षित है। राजनांदगांव से कवयित्री पद्मा साहू ने अपनी कविता समूह के मध्य प्रस्तुत किया। इसी क्रम में बलौदाबाजार से कवि संतराम कुम्हार ने अपनी रचना काव्य संसद स्थापना दिवस शीर्षक की प्रस्तुति दी। कांकेर से वरिष्ठ साहित्यकार सुश्री नलिनी बाजपेयी ने काव्य संसद के अद्वितीय सफलता की शुभकामना देते हुए अपनी कविता हमारा प्यारा सुन्दर काव्य संसद परिवार की प्रस्तुति दी। दुर्ग से कवयित्री प्रिया गुप्ता ने काव्य संसद के व्याकरण शाला की तारिक करते हुए कहा की हम नीत नई-नई जानकारियों के लब्धि होते है। यह मंच साहित्य सेवा का अद्वितीय मंच है। मुंगेली जिले से कवि नागेश कश्यप ने छत्तीसगढ़ी में अपना वक्तव्य देते हुए कहा कि अलंकार, छंद एवं विभिन्न गद्य विधाओं के संबंध जानकारी एवं साहित्य के सृजन के लिए साहित्यकारों की निरंतर जागरूकता इस मंच को अन्य मंचो से अलग और अद्वितीय बनाती है। रायगढ़ से उर्मिला सिदार ने कहा कि कविता तो सभी लिखते है, लेख के सृजन करते हैं। अन्य विधाओं पर भी कार्य की करने की आवश्यकताओं के साथ आगामी वर्ष में विभिन्न कार्य के संबंध में प्रस्ताव समूह के मध्य रखी। महासमुंद से विनोद कुमार जोगी ने अपने वक्तव्य में काव्य संसद के कार्यों की सराहना की। काव्य संसद के एक वर्ष पूर्ण होने की उत्सव में यह आयोजन वर्चुअल पटल पर हुआ। जिसमें राज्य के लगभग 25 जिलों के साहित्यकारों की ऑनलाइन उपस्थित रही।
बॉक्स ०१-
आई एम कलाम पहल है 10वीं- 12 वीं के बच्चों को जोड़ने का प्रयास
काव्य संसद के संस्थापक पुखराज प्राज मे एक वर्ष पूर्ण करने के उपलक्ष्य में काव्य संसद के पहल में विज्ञान एवं इससे जूड़े प्रतिभाओ को जन-जन लाने एवं उन प्रतिभाशाली बच्चों के द्वारा विज्ञान एवं अनुसंधान के क्षेत्र में किये गए अद्वितीय कार्यो की पूरी और सच्ची कहानियों को लोगों तक पहुचाने का प्रयास किया जायेगा। इस पहल को आई एम कलाम नाम दिया गया है।
लाइव भारत 36 न्यूज़ से रायगढ़ से सुरेंद्र भैना की रिपोर्ट