कोरबा

पाली क्षेत्र में संचालित अवैध ईट भट्ठों पर प्रशासनिक कार्यवाही बिल्कुल भी नही, नदी- नालों किनारे बेरोकटोक लाल ईट का निर्माण कर धड़ल्ले से बिक्री जारी

कोरबा/पाली:- पाली मुख्यालय से 20 किलोमीटर दायरे तक वाले ग्रामों के नदी- नालों किनारे अवैध रूप से अनेक लाल ईट भट्ठों की कोई कमी नही है। इसे प्रशासनिक मेहरबानी माने या लापरवाही, किंतु धडल्ले से ईट निर्माण कर बिक्री करने वाले भट्ठों के संचालकों पर किसी प्रकार की कार्यवाही नही किये जाने से प्रतिवर्ष लाखों रुपए की राजस्व हानि शासन को हो रही है।

पाली क्षेत्र में खनिज एवं राजस्व अधिकारियों की अनदेखी से पोड़ी, सैला, सिल्ली, परसदा, लाफा, दमिया, डूमरकछार जैसे ग्रामों में स्थित नदी- नालों के किनारे बगैर लीज के अनेकों लाल ईट भट्ठे बेरोकटोक संचालित है। निरंतर पिछले कई वर्षों से खुलेआम निर्माण कर बिक्री कार्य चल रहे इस अवैध कारोबार पर प्रशासनिक तौर पर रोक नही लगने से शासन को भारी राजस्व की क्षति पहुँचाई जा रही है। जानकारी के अनुसार संबंधित विभाग के स्थानीय अमले ही संचालित इस कार्य को करने का तरीका बताते है। जिसमे एक बार मे 10 से 15 हजार ईट निर्माण कराने की बात बताई जाती है। ताकि इस दौरान यदि कोई अधिकारी मौके पर दस्तक दे भी दे तो उन्हें खुद का मकान बनाने के लिए ईट निर्माण का झांसा देकर कार्यवाही से बच सके। विभागीय अमले की इस छूट का फायदा भी अवैध ईट कारोबारी खूब उठा रहे और सीधे तौर पर अधिकारियों से मधुर संबंध का हवाला देते हुए पचास से एक लाख ईट का निर्माण एक ही बार मे कर रहे है। जिसकी बिक्री भी जमकर हो रही है। गौर करने वाली बड़ी बात यह है कि लाल ईट निर्माण के लिए मिट्टी, रेत, लकड़ी, कोयला, पानी, बिजली की आवश्यकता होती है। जहां नदी- नालों के किनारे संचालित इन भट्ठों के लिए ग्रीष्मकालीन ऋतु तक पानी की कोई कमी नही रहती। वही मौके पर ही रेत भी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हो जाता है। विद्युत के लिए आसपास के खंभे से अवैध कनेक्शन ले लिया जाता है। एवं ईट निर्माण स्थल से ही जमकर मिट्टी खनन कर निर्माण कार्य को अंजाम दिया जाता है। जिसे पकाने के लिए जंगलों की लकड़ी और चोरी के कोयले का उपयोग किया जाता है। सोचनीय बात है कि इस तरह शासन को राजस्व क्षति पहुँचाकर निर्माण कराए जा रहे लाल ईट कारोबारियों पर जरा सा भी संबंधित अधिकारियों का रोक नही है। जिसके कारण क्षेत्र में दर्जनों की संख्या में लाल ईट का कारोबार बेखौफ रूप से संचालित हो रहा है।

लाइव भारत 36न्यूज़ से बोधन चौहान की रिपोर्ट

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