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खसरा लिंगियाडीह का जमीन मोपका की और रजिस्ट्री के बाद नामान्तरण के लिए तहसील में ?

है न कमाल पटवारी,आर आई की टीम ने सीमांकन करके बता दिया कि जमीन मोपका की प्रतीत हो रही उसके बाद भी रजिस्ट्री हो गई और नामान्तरण के लिए तहसील में प्रकरण लगा भी दिया।

लिंगियाडीह का खसरा नम्बर 198/577 को मोपका की शासकीय भूमि खसरा नम्बर 845 दिखा कर करा दी रजिस्ट्री और नामान्तरण के लिए लगा दिया तहसील में?

समाजिक कार्यकर्ता नेवर्ष 2018 में कलेक्टर बिलासपुर को की थी शिकायत पूर्व में बिलासपुर तहसील में प्रकरण दर्ज ?

बिलासपुर -: इस समय बिलासपुर प्रदेश के जमीन की फर्जी मामलों,शासकीय जमीन की बंदरबांट, खसरों की अदला बदली के लिए सुर्खियों में है ।
बिलासपुर नगर निगम में शामिल मोपका में न जाने कितनी शासकीय जमीन को बंदरबांट कर दिया गया है जिसकी शिकायत कलेक्टर से लेकर राजस्व अधिकारियों को की जा चुकी है लेकिन जांच कब होगी किसी को नही पता । खैर एक मामला ओर अभी सामने आया है लिंगियाडीह का खसरा नम्बर 198/577 जिसे मोपका के शासकीय भूमि खसरा नम्बर 845 में बैठा कर रजिस्ट्री कर दिया गया है जबकि समाजिक कार्यकर्ता के द्वारा वर्ष 2018 में इसकी शिकायत बिलासपुर कलेक्टर से लेकर एसडीएम तक को की थी जिस पर तहसीलदार ने दो पटवारी और दो आर आई कि टीम गठित करके सीमांकन कराया गया था जिस पर टीम ने उसे मोपका की शासकीय जमीन 845 का हिस्सा प्रतीत होने बताया गया था उसके बाद भी लिंगियाडीह का खसरा बताते हुए और मोपका की जमीन दिखाते हुए उस जमीन की रजिस्ट्री दुसरो को कर दी गई इसके बाद बिलासपुर तहसील में उक्त जमीन का नामान्तरण केलिए केस लगा दिया गया आज नही तो कल उसका भी नामान्तरण भी हो जाएगा लेकिन ये खेल आखिर कब रुकेगा आखिर शासकीय जमीन का इस प्रकार बंदरबांट होता रहेगा और राजस्व अधिकारी हाथ पर हाथ धरे बैठे रहेंगे ।

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