कांकेर

स्वर्णिम विजय मशाल 19 अक्टूबर को पहुंचेगी कांकेर

सन् 1971 के भारत-पाक युद्ध में पाकिस्तान पर अपनी शानदार जीत का 50 वां वर्ष (स्वर्ण जयंती) उत्सव पूरे भारत में स्वर्णिम विजय वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है। यह उन सैनिकों के साहस और बलिदान के लिए एक श्रद्धांजलि है, जिन्होंने युद्ध में भाग लिया था। भारत-पाक युद्ध 3 दिसंबर 1971 को शुरू हुआ,  जब पाकिस्तान ने बड़ी संख्या में भारतीय वायुसेना के ठिकानों पर अकारण हमले किए। भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा इन अकारण हमलों का त्वरित जवाब दिया गया। भारतीय सशस्त्र बलों की निर्णायक कार्यवाही ने पूर्वी पाकिस्तान पर कब्जा कर लिया, 93 हजार पाकिस्तानी सैनिकों ने आत्मसमर्पण कर दिया और एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में बांग्लादेश का उदय हुआ।  इस अवसर को मनाने के लिए युद्ध में भाग लेने वाले हमारे बहादुर सेनिकों को सम्मान देने और जनता, विशेष रूप से युवा पीढ़ी में गर्व की भावना पैदा करने के लिए, प्रधान मंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने स्वर्णिम विजय मशाल जलाया। दिल्ली में राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर विजय दिवस 2020 पर चार ज्वलंत विजय मशालें जलाई गई। ये मशालें युद्ध नायकों के गांवां सहित भारत के विभिन्न  हिस्सों में चार दिशाओं में अपनी यात्रा पर है।
                छत्तीसगढ़ वह भूमि है, जिसमें 40 से अधिक युद्ध नायक है, जिन्होंने 1971 के युद्ध में भाग लिया है। स्वर्णिम विजय मशाल 12 से 19 अक्टूबर तक छत्तीसगढ़ में यात्रा करेगा। राज्य में विभिन्न स्मारक कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे, जिसमें पूर्व सैनिकों को सम्मानित किया जायेगा। बैंड प्रदर्शन, युद्ध इतिहास प्रदर्शन, उपकरण प्रदर्शन त्यौहार, स्कूल और साहसिक गतिविधियों भी आयोजित की जोयगी। स्वर्णिम विजय मशाल 19 अक्टूबर को कांकेर जिला पहुंचेगी। इस अवसर पर शासकीय नरहरदेव उच्चतर माध्यमिक विद्यालय कांकेर के परिसर में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे।

विनोद साहू लाइव भारत 36 न्यूज़ कांकेर

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button