सारंगढ़

सारंगढ़ जनपद में पदस्थ सीईओ अभिषेक बनर्जी का मनमानी चरम पर, सरपंचों को भ्रष्टाचार करने का दिया खुला छूट, जांच के नाम पर लीपापोती

सारंगढ़। प्रदेश सरकार ने सारंगढ़ क्षेत्र का विकास करने के मंशा से सारंगढ़ को जिला बनाया है, किंतु वर्तमान में सारंगढ़ ब्लॉक में पदस्थ अधिकारीगण सरकार की इस मंशा को पूरा करने में सबसे बड़ा बाधा बनकर सामने आ रहे है।
बता दें कि जनपद पंचायत सारंगढ़ अभी भ्रष्टाचार का सबसे बड़ा गढ़ बन गया है और इसको संरक्षण देने का काम यहां के जनपद में पदस्थ सीईओ अभिषेक बनर्जी कर रहे हैं।
हाल ही में एक आवेदक द्वारा ऑनलाइन आवेदन के माध्यम से
न्यायालय श्रीमान अनुविभागीय अधिकारी /विहित प्राधिकारी सारंगढ़ जिला-रायगढ़ (छ.ग.) को शिकायत किया गया था जिसमें आवेदक श्री हेमंत पटेल / पिता श्री जोहन पटेल के द्वारा पंचायत में घोर वित्तीय लापरवाही की शिकायत बिंदुवार किया गया था, आवेदक ने सरपंच पर आरोप लगाया है कि
आवेदक विरुद्ध श्री सीताराम साहू -अनावेदक आवेदन पत्र अंतर्गत धारा 40 पंचायत राज अधिनियम आवेदक निम्ननुसार निवेदन करते हैं – 1. कि आवेदक ग्राम पंचायत परसदा के पत्रकार तथा अनावेदक सरपंच है। 2. कि अनावेदक ग्राम पंचायत डोमाडीह ब के सरपंच होने के नाते मनमाने रूप से ग्राम पंचायत एवं ग्रामवासीयो के हितों को ताक में रखकर मनमानी ढंग से कार्य करता है, साथ ही पंचायत की राशि बिना पारदर्शिता बढते पंचों के बिना राय के मनमानें ढंग से आहरित करता है। 3. की इसी तारतम्य में अनावेदक सरपंच श्री सीताराम साहू के द्वारा अपने को व्यक्तिगत लाभ पहुंचाने की दृष्टि एवं उद्देश्य से अपने बेटे के नाम से कार्य बताकर पंचायत की निधि को व्यक्ति गत आर्थिक फायदे पहुंचाने की दृष्टि से आहरित करवा कर आर्थिक लाभ प्राप्त किया एवं करवाया गया है। जो की पूरी तरह अवैदिक एवं विधि विरुद्ध अवचार की दृष्टि में आता है। 4. कि उक्त संदर्भ में आनवेदक सरपंच के द्वारा अपने बेटे श्री राम प्रसाद साहू के नाम पर 1. मुरूमी करण हेतु भुगतान ढाई 250000 रु, 2. नाली गली तलाब शासकीय भवन स्कूल भवन कोरंटाइन सेंटर साफ सफाई 100000 रु, 3. बोर बोरिंग मरम्मत 50000 रु, 4. सीसी रोड नाली निर्माण पचरी निर्माण हेतु मजदूरी भुगतान 91400 रु, 5. गांव गली नाली तालाब साफ-सफाई एवं दवाई वितरण 50000 रु, 6. मुक्तिधाम साफ-सफाई 50000 रु, 7. माली मरम्मत कार्य 50000 रु, भेजा आर्थिक लाभ पहुंचाने के लिए पंचायत की राशि आहरित कर इसका उपयोग करते हुए व्यक्तिगत लाभ लिया गया उक्त सभी आहरित राशि का पेमेंट वाउचर डिटेल आवेदन के साथ संलग्न है। 5. की इसके अतिरिक्त डेस्नरी सामग्री हेतु 31000 रु, क्वॉरेंटाइन सेंटर हेतु इलेक्ट्रॉनिक सामग्री का भुगतान 15300 रु, कोविड-19 हेतु सैनिटाइजर।

घोर वित्तीय अनिमित्ता का मामला चांद सिक्को में निपटा

आवेदक द्वारा जिस बिन्दुओं पर शिकायत प्रेषित किया गया है यह बहुत गंभीर और घोर वित्तीय लापरवाही को दर्शाता है किंतु जनपद पंचायत सारंगढ़ द्वारा गठित जांच दल बिना शिकायतकर्ता को अवगत कराए टोटल सेटिंग करके लीपा पोती कर जांच को पैसे के बल पर प्रभावित करते हैं ऑनलाइन शिकायत को पूर्ण बता नस्ती कर दिया गया है।

क्या कहता है पंचायत राज अधिनियम 1993

ग्राम पंचायतों में शासन के निर्देशानुसार कार्य करने के लिए अधिनियम बनाया गया है, जिसमे ग्राम पंचायत में सरपंच के शक्ति तथा कृत्यों को परिभाषित किया गया है।
इस अधिनियम के अनुसार पंचायत का पदाधिकारी द्वारा पंचायत निधि का राशि अपने किसी भी नातेदार को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से आर्थिक लाभ नहीं पहुंचा सकता। अगर किसी पंचायत पधाधिकारी सरपंच द्वारा ऐसा कृत्य किया जाता है तो इस पदधारी के विरुद्ध पंचायत राज अधिनियम 1993 की धारा 40(1) के तहत पदीय कर्तव्यों में अवचार के दोषी ठहराया जाएगा और पद से बर्खास्त करने की कार्यवाही विहित प्राधिकारी द्वारा किया जाएगा।

चंद्रभान जगत के रिपोर्ट

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button