जशपुर जिला

कलेक्टर का होस्टल संचालन को लेकर चेतावनी पत्र
निर्देशों का पालन नहीं पाये जाने पर, संबंधित मण्डल संयोजक, अधीक्षक/अधीक्षिका के विरूद्ध दण्डात्मक कार्यवाही होगी

अधीक्षिका एवं महिला होमगार्ड जिम्मेदार होंगे तो होगी एफआईआर,

छात्रावास-आश्रमों के सुंदर, स्वच्छ एवं सुरक्षित संचालन के संबंध में आवश्यक दिशा निर्देश जारी

छात्रावास-आश्रम अधीक्षिका का परिसर से अन्यत्र निवास मान्य नहीं

बिना अनुमति के बिना कहीं भी छात्र-छात्राओं को भ्रमण पर न ले जाना मना

जशपुर:- कलेक्टर महादेव कावरे ने
छात्रावासों के सुरक्षा से संबंधित पत्र अधिकारियों एवं कर्मचारियों को जारी कर हिदायत दी है और दिशा निर्देशों का कड़ाई से पालन करने को कहा है।
उन्होंने पत्र जारी कर कहा कि समय समय पर कन्या छात्रावास-आश्रमों में बालिकाओं की सुरक्षा के लिए, समुचित उपाय करने के निर्देश दिए जाते है इसके बाद भी लापरवाही की जाती है ।

उन्होंने पत्र में लिखा कि उम्मीद है, कठोर निर्देश एवं सख्त प्रतिबंध के बावजूद, किसी भी कन्या छात्रावास-आश्रम परिसर में अथवा परिसर स्थित अधीक्षिका आवास गृह में, कोई भी पुरूष, भले ही वह अधीक्षिका पति, व्यस्क पुत्र अथवा अन्य कोई निकटतम अथवा अन्य कोई निकटतम या दूरस्थ पुरूष रिश्तेदार निवास नहीं कर रहा होगा। उन्होंने लिखा कि पुनः कन्या/बालक छात्रावास-आश्रमों में बच्चों की समुचित सुरक्षा के संबंध में बिन्दुवार निम्नानुसार निर्देश जारी किए हैं- जिसमें किसी भी स्थिति में कन्या छात्रावास की अधीक्षिकाओं के पति, व्यस्क पुत्र अथवा अन्य पुरूष रिशतेदारों/मित्रों का प्रवेश छात्रावास-आश्रम परिसर अथवा परिसर स्थित अधीक्षिका आवासगृह में न हो। पुरूष रिष्तेदारों, पति/मित्रों का इन स्थानों पर प्रवेष पूर्णतः निषेध रहेगा। प्रत्येक कन्या छात्रावास-आश्रम से इस आशय का प्रमाण-पत्र 03 दिवस में अधीक्षिका द्वारा सहायक आयुक्त, आदिवासी विकास, जशपुर के कार्यालय को प्रेषित किया जाये। भविष्य में यह पाया जाता है कि किसी कन्या छात्रावास-आश्रम में अधीक्षिका के कोई भी पुरूष रिश्तेदार निवासरत हैं, तो संबंधित अधीक्षिका एवं मण्डल संयोजक को जिम्मेदार माना जाकर, उनके विरूद्ध कठोर अनुशासनात्मक कार्यवाही प्रस्तावित की जायेगी। इसे निर्देश ही नहीं वरन चेतावनी समझा जाये।

  1. अधीक्षिका स्वयं यह सुनिश्चित करें, कि छात्रावास-आश्रम में बालिका सुरक्षा के लिए तैनात महिला होमगार्ड दिन-रात 24 घंटे तैनात रहे। ड्यूटी के दौरान महिला होमगार्ड कर्तव्यों के प्रति पूरी तरह सजग एवं सचेत रहे। महिला होमगार्ड पूर्णतः अधीक्षिका के नियंत्रण में कार्यरत रहेगी। यदि किसी छात्रावास-आश्रम में महिला होमगार्ड के द्वारा ड्यूटी के प्रति शिथिलता बरती जाती है, तो संबंधित अधीक्षिका द्वारा उसकी त्वरित सूचना दी जाये।
    उन्होंने लिखा है कि सुनिश्चित करें कि छात्रावासी-आश्रमवासी किसी भी बालिका के साथ, कोई घटना न हो। यदि ऐसा होता है, तो उसके लिए अधीक्षिका एवं महिला होमगार्ड को जिम्मेदार माना जाकर, उनके विरूद्ध पुलिस में आपराधिक मामला दर्ज कराया जायेगा।अपवादिक रूप से यदि छात्रावास-आश्रम परिसर अथवा आस-पास, असामाजिक तत्वों का जमावड़ा होता हो, अथवा आस-पास लड़के/पुरूष अनावश्यकघुमते-फिरते पाये जाते हैं, तो उसकी सूचना तत्काल पुलिस में दर्ज करायी जाये।

कलेक्टर ने पत्र जारी कर कहा है कि छात्रावास-आश्रम में किसी भी तरह की कोई बात यथा किसी छात्रा के बीमार होने, अन्य कोई छोटी-बड़ी बात होने पर, तथ्य को न छुपाया जाये और उसकी सूचना सर्व संबंधित अधिकारियों को तत्काल दी जाये।निरीक्षण के बहाने कोई भी अनाधिकृत पुरूष व्यक्ति कन्या छात्रावास-आश्रम में प्रवेश न करे, यदि किसी के द्वारा ऐसा किया जाता है, तो उसके विरूद्ध भी मामला दर्ज करायें एवं वरिष्ठ अधिकारियों को इसकी सूचना दें।निरीक्षण हेतु प्राधिकृत पुरूष अधिकारी अधीक्षिका की उपस्थिति अथवा किसी महिला अधिकारी/कर्मचारी के साथ निरीक्षण कर सकेंगे। संध्या 5ः00 बजे/सूर्यास्त के पश्चात् किसी भी कन्या छात्रावास-आश्रम में प्रवेष नहीं करेंगे/नहीं ठहरेंगे।

  1. छात्रावास-आश्रम अधीक्षिका का परिसर से अन्यत्र निवास मान्य नहीं होगा। हर हालत में अधीक्षिका छात्रावास-आश्रम परिसर में ही निवासरत रहे। अधीक्षिका आवास गृह नहीं होने की स्थिति में भी, छात्रावास-आश्रम के किसी कमरे अथवा अतिरिक्त कक्ष में निवास में करें।

यदि अपरिहार्य कारणों से अधीक्षिका को अवकाश पर मुख्यालय से बाहर जाना आवष्यक हो, तो इसकी पूर्व सूचना मण्डल संयोजक को दूरभाष अथवा अन्य किसी माध्यम से देना अनिवार्य हो। जब तक बदले में अन्य किसी महिला कर्मचारी के द्वारा उपस्थिति देकर अस्थायी प्रभार प्राप्त नहीं कर लिया जाता है, अवकाश पर प्रस्थान नहीं करंेगे।

बालिका छात्रावास-आश्रम की छात्राओं को समूह में एक साथ व्यवस्थित पंक्ति बनाकर, विद्यालय भेजा जाये। विद्यालय जाते समय आवश्यक रूप से महिला होमगार्ड बालिका समूह के साथ रहे। विद्यालय से छात्रावास-आश्रम वापसी में भी ऐसा ही किया जाये। सुनिश्चित करें कि छात्रावास-आश्रम का कोई भी छात्र जोेखिम भरा कार्य न करे। विद्युत वायरिंग, स्विच बोर्ड, होल्डर एवं अन्य विद्युत उपकरण के साथ छेड़-छाड़ न हो। कंुआँ से पानी भरना, पेड़ दीवार पर चढ़ना जैसे कार्य न करें।

वर्षा ऋतु में क्षेत्र में आकाषीय बिजली गिरने की बहुधा शिकायत रहती है। ध्यान रहे वर्षा के समय कोई भी छात्र-छात्रा पानी से बचने के लिए वृक्ष तले न रहें। बारिश के समय बच्चे सुरक्षित स्थान में हों, गिली जमीन से उनके पैर का सम्पर्क न रहे।कार्यालय की अनुमति के बिना कहीं भी छात्र-छात्राओं को भ्रमण पर न ले जाया जाये। दुर्घटना संभावित क्षेत्र में किसी भी स्थिति में छात्र-छात्राओं को पिकनिक-वनभोज पर न भेजा जाये।छात्रावास-आश्रमों में अभिभावकों को छात्र-छात्राओं से मिलने हेतु माह का अंतिम रविवार का दिन निर्धारित हो। अभिभावकों के मुलाकात के दौरान पूरे समय अधीक्षक/अधीक्षिका समक्ष में उपस्थित रहें। यथा संभव कन्या छात्रावास-आश्रमों में मुलाकात के लिए, छात्राओं की महिला अभिभावक ही उपस्थित हों। छात्र-छात्राओं से मुलाकात हेतु केवल 02 अभिभावक ही अधिकृत होंगे और इनके फोटोग्राफ्स छात्रावास-आश्रमों के अभिलेखों में उपलब्ध होने चाहिए। मुलाकात हेतु उपस्थित व्यक्ति का फोटो से मिलान कर लिया जाये। अपरिहार्य होने पर ही अन्य दिवस अभिभावकों को मिलने दिया जा सकेगा। इसके अतिरिक्त अन्य किसी भी अपरिचित या अनजान व्यक्ति का छात्र-छात्राओं से मुलाकात पर पूर्णतः प्रतिबंध रहेगा।

किसी भी छात्र-छात्रा को उनके माता-पिता अथवा वैध अभिभावक के बिना अकेले घर जाने की अनुमति नहीं होगी। ऐसा भी देखा गया है कि छात्रावास-आश्रम से छात्र-छात्रा स्कूल के लिए निकलते हैं, किन्तु स्कूल नहीं जाकर, इधर-उधर घूमते रहते हैं। इस पर पूरी तरह अंकुश लगाया जाये और अधीक्षक/अधीक्षिका यथा संभव प्रतिदिन विद्यालय जाकर, छात्र उपस्थिति पंजी से यह सत्यापन कर लें कि सभी छात्र-छात्रा विद्यालय में उपस्थित हुए हैं। प्रति दिन ऐसा नहीं कर पाने पर सप्ताह में कम से कम 02 बार इसकी आकस्मिक जाँच कर ली जाये। छात्रावास-आश्रमवासी छात्र-छात्राओं के संतुलित आहार पर पूरा ध्यान दिया जाये। सुनिश्चित करें कि छात्र-छात्रा को पौष्टिक, गुणवत्तापूर्ण भोजन मिले। प्रतिदिवस निर्धारित मीनू का पालन किया जाये। प्रत्येक छात्रावास-आश्रम में अनिवार्य रूप से दैनिक मीनू प्रदर्षित हो। वर्षाकाल के दौरान सोयाबीन बड़ी, भाजी आदि न खिलाया जाये।कन्या छात्रावास-आश्रमों में प्रत्येक बालिका के लिए स्वच्छ शौचालय उपलब्ध हो। शौचालय-स्नानागार की फिनाईल का उपयोग कर, नियमित सफाई सुनिश्चित हो, किसी भी स्थिति में किसी छात्रा को खुले में शौच जाना न पड़े। यह भी ध्यान रखें कि कोई भी छात्रा परिसर से बाहर नदी-नाले, तालाब आदि स्थानों में न जाये। वनग्रामों में अथवा समीपस्थ संचालित छात्रावास-आश्रमों में, रसोई में उपयोग के लिए, जलाऊ लकड़ी के लिए, छात्र-छात्राओं को जंगल न भेजा जाये।छात्रावास-आश्रम के भोजन पकाने-खाने के बर्तन, कीचन शेड एवं अनाज भण्डारण के स्थान की समुचित एवं बेहतर साफ-सफाई सुनिश्चित की जाये।प्रतिमाह 01 दिन, छात्र-छात्राओं की कम से कम 05 माताओं को भोजन की परख/सुझाव के लिए आमंत्रित किया जाये। बच्चों की माताएँ साथ में बैठकर भोजन करेंगी और भोजन की गुणवत्ता के बारे में एक पंजी में टीप का उल्लेख करंेंगी, अपना सुझाव देंगी। प्रतिमाह अलग-अलग माताएँ आमंत्रित होंगी। प्रत्येक छात्रावास-आश्रम में निर्धारित समय-सारिणी अनुसार छात्र-छात्राओं के दिनचर्या का पालन हो। प्रातःकाल बच्चे समय पर सोकर उठें, नित्य कर्मों से निवृत्त होकर, योग-व्यायाम करें और पढ़ने बैठें। समय पर स्कूल जायें और समय पर वापस लौटें। निर्धारित कार्यक्रम पूर्णतः नियमित एवं व्यवस्थित हों। छात्रावास-आश्रमवासी बच्चे एक ही स्थान पर बैठकर भोजन करें। अलग-अलग अव्यवस्थित बैठकर अथवा बिस्तर पर बैठकर भोजन करने पर रोक लगाया जाये।

छात्रावास-आश्रम के परिसर को स्वच्छ रखा जाये। परिसर में फलदार वृक्ष, फूल आदि का रोपण किया जाये।प्रत्येक छात्रावास-आश्रमों को “सुंदर, स्वच्छ एवं सुरक्षित” की तर्ज पर सुव्यस्थित किया जाये।किसी भी छात्रावासी- आश्रमवासी छात्र-छात्रा को दुपहिया वाहन रखने-चलाने की अनुमति नहीं होगी।छात्रावास-आश्रम में बच्चों के नियमित रूप से स्व-अध्यन हेतु 02 से 04 घंटे निर्धारित किये जायें। अधीक्षक/अधीक्षिका इसकी माॅनिटरिंग करें और बच्चों की कठीनाई दूर करें छात्रावास- आश्रमवासी छात्र-छात्राओं का परीक्षा परिणाम संतोषजनक नहीं होने पर अधीक्षक/अधीक्षिकाओं पर उत्तरदायित्व निर्धारित किया जायेगा।
छात्रावास-आश्रमों के निरीक्षण हेतु मण्डल संयोजक के अतिरिक्त विकास खण्ड शिक्षा अधिकारी, सहायक विकास खण्ड शिक्षा अधिकारी एवं विकास खण्ड स्त्रोत केन्द्र समन्वयक भी अधिकृत होंगे। इन अधिकारियों के द्वारा माह में कम से कम अलग-अलग 15 छात्रावास-आश्रमों का अनिवार्य रूप से निरीक्षण किया जाकर, निर्धारित प्रपत्र में निरीक्षण प्रतिवेदन सहायक आयुक्त, आदिवासी विकास के माध्यम से अधोहस्ताक्षरी को प्रस्तुत करेंगे।
बिन्दु क्रमाँक-01 से 28 तक दिये निर्देषों का कड़ाई से पालन सुनिष्चित करें। इन निर्देषों का पालन नहीं पाये जाने पर, संबंधित मण्डल संयोजक, अधीक्षक/अधीक्षिका के विरूद्ध दण्डात्मक कार्यवाही की जायेगी।

लाइव भारत 36 न्यूज से जिला संवाददाता

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