मुख्यमंत्री बाल संदर्भ योजना अंतर्गत दुर्गूकोंदल परियोजना के
36 कुपोषित बच्चें हुए लाभान्वित
जिले में बच्चों के विकास एवं उनके स्वास्थ्य को बेहतर रखने के उद्देश्य को लेकर महिला एवं बाल विकास विभाग के द्वारा लगातार आगंनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिकाओं के माध्यम से बच्चों के पोषण को बनाए रखने का प्रयास किया जा रहा है। इस विशेष प्रयास से न सिर्फ बच्चों के पोषण स्तर में वृद्धि हुई है वरन बच्चों की माताओं को अपने बच्चों को आवश्यकता अनुसार आहार देने की जानकारी भी हुई है, अब माताएं स्वयं ही अपने बच्चे का आंकलन कर पौष्टिक आहार आवश्यक मात्रा में देने लगी है। जिससे जिले में कुपोषण की दर में कमी आई है। कांकेर जिले में कुपोषण को दूर करने के लिए मुख्यमंत्री बाल संदर्भ योजना का बेहतर क्रियान्वयन किया जा रहा है। उक्त योजना के बेहतर संचालन एवं क्रियान्वयन से जिले में कुपोषण दर 27 प्रतिशत से घटकर 15 प्रतिशत हो गया है।
जिले के सुदूर वनांचल क्षेत्र दुर्गूकोंदल परियोजना के 36 कुपोषित बच्चों को मुख्यमंत्री बाल संदर्भ योजना के तहत लाभान्वित किया गया। परियोजना के आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के द्वारा सुपोषित बच्चों के माता-पिता को स्वास्थ्य और पोषण संबंधी जानकारी देकर कुपोषित बच्चों को सुपोषित बनाने में सफलता मिली।
सौरभ और अभय के स्वास्थ्य में आया सुधार
आंगनबाड़ी केन्द्र डांगरा के कार्यकर्ता सियाबत्ती नरेटी बताती है कि ग्राम के दो बच्चे सौरभ और अभय दोनों कुपोषित थे, उन्हें महिला एवं बाल विकास विभाग के द्वारा संचालित मुख्यमंत्री बाल संदर्भ योजना अंतर्गत सतत देखरेख में सुपोषित किया गया। सौरभ का जन्म 31 मार्च 2019 को और अभय का जन्म 13 मई 2018 को हुआ, वे दोनों बच्चे कुपोषित श्रेणी में आते थे। राज्य सरकार के महत्वकांक्षी मुख्यमंत्री बाल संदर्भ योजना की जानकारी शिविर के माध्यम से दिया जाकर लाभान्वित किया गया। बाल संदर्भ शिविर में डाॅक्टर चंदन बैरागी के द्वारा स्वास्थ्य परीक्षण कर दवाईयां एवं खानपान संबंधी मार्गदर्शन दिया गया, तत्पश्चात बच्चो के माता-पिता को आंगनबाड़ी कार्यकर्ता द्वारा गृहभेंट के माध्यम से स्वास्थ्य और पोषण संबंधी जानकारी देकर दोनो बच्चों को सुपोषित बनाने में कामयाबी हासिल की गई है। बाल संदर्भ शिविर में उपचार के समय सौरभ का वजन 09 किलो ग्राम था छः माह के बाद उनका वजन बढ़कर 10 किलो 200 ग्राम हो गया है, इसी प्रकार अभय का वजन 10 किलो ग्राम था अब बढ़कर 11 किलो 500 ग्राम हो गया है। सेक्टर सुपरवाईजर कुंती वर्मा के मार्गदर्शन में डांगरा के सौरभ और अभय को कुपोषित श्रेणी के बाहर लाने में विशेष योगदान रहा। दुर्गूकोंदल परियोजना के सभी आँगनबाड़ी केन्द्रों में कुपोषित बच्चों का चिन्हांकित कर सुपोषण बनाने के लिए सुपोषण दूतों द्वारा प्रयास किया जा रहा है। पर्यवेक्षकों के द्वारा भ्रमण में जाकर ग्राम के बच्चों के माता-पिताओं को पोषण और स्वास्थ्य संबंधी जानकारी रखने का सुझाव भी नियमित रूप से दी जा रही है, जिसके कारण अब तक परियोजना के 36 कुपोषित बच्चों को सुपोषित बनाने में सफलता मिली है। परियोजना के 36 बच्चें अब सामान्य श्रेणी में आ गये हैं, उनके माता-पिता बाल संदर्भ योजना संचालित करने के लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को धन्यवाद ज्ञापित किये हैं।
विनोद साहू लाइव भारत 36 न्यूज़ कांकेर