कोरबा

पशु चिकित्सालय भैंसमा प्रशिक्षण हेतु उपयुक्त केंद्र

पशुचिकित्सालय भैंसमा कोरबा जिला का वृहद और सर्वाधिक बड़ा चिकित्सालय है इस कारण से इस क्षेत्र में पोल्ट्री डेयरी के उन्नयन की प्रबल संभावना है इस क्षेत्र के पशुपालकों के पास उपलब्ध पशुधनो में कृत्रिम गर्भाधान के माध्यम से उन्नत नस्ल के पशुओं में लगातार वृद्धि हो रही है जिसका सुखद परिणाम यह है कि विगत कुछ वर्षों में इस क्षेत्र में दुग्ध उत्पादन में औसत वृद्धि का आंकलन किया गया है कोरबा जिला मुख्यालय के अधिकांश कॉलोनियो उपनगरों में दूध की आपूर्ति इसी क्षेत्र से किया जाना एक उपलब्धि है।पशु चिकित्सालय भैसमा अंतर्गत 42 ग्राम आते हैं जिसका क्षेत्रफल भौगोलिक दृष्टिकोण से व्यापक है यहां मवेशी बाजार भी संचालित होता है ऐसे में संक्रामक बीमारियों की सम्भावना भी बन जाती है परंतु यहां पदस्थ चिकित्सकीय अमला की सक्रियता से समय पर विभिन्न टीका करण करने से सकारात्मक परिणाम दृष्टिगोचर हो रहे हैं। भैंसमा चिकित्सालय अंतर्गत प्रतिदिन चिकित्सालय परिसर में चिकित्सा हेतु उपलब्ध पशुओं की औसत संख्या के आधार पर पशुपालकों की जागरूकता का भी पता चलता है। वर्तमान में राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी नरवा गरवा घुरवा बारी कार्यक्रम अंतर्गत इस क्षेत्र में लगभग 14 गौठान संचालित हैं उन गौठान में भी भ्रमण कर पशुओं को गौठान तक ले जाने हेतु प्रेरित करने का कार्य संबंधित विभाग के मैदानी अमले द्वारा किया जा रहा है। भैंसमा चिकित्सालय से लगभग 12 km कुदुरमांल में संचालित गौशाला में सिंक्रोनाइजेसन के यू तहत कृत्रिम गर्भाधान किया गया उससे अप्रत्याशित रूप से उत्पन्न वत्स की अच्छी संख्या से गौशाला में उन्नत नस्लों के पशुओं में आशातीत वृद्धि हुई है

चिकित्सालय में प्रतिदिन गौवंश भैंस वंश बकरी श्वान सहित औसत लगभग 10 पशुओं का उपचार प्रतिदिन किया जाता है यहां आकर कृत्रिम गर्भाधान टीका करण उपचार पद्धति मेडिसन की मात्रा उपयोग करने और आइवी रूट से इंजेक्शन भी सीखने को मिला प्रशिक्षण हेतु सर्वाधिक उपयुक्त केंद्र लगा। सभी स्टाफ का सकारात्मक सहयोग प्राप्त हुआ तुलसी कंवर वेट.पॉलिटेक्निक स्टूडेंट

संवादाता बोधन चौहान लाइव भारत 36 न्यूज़ चैनल कोरबा करतला

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