30 अप्रैल 2021 से महासमंुद एवं कांकेर जिलें में भी वाॅयरोलाॅजी लैब प्रारंभअब जिले का आरटी-पीसीआर परीक्षण जिले में ही होगा
महासमुन्द 29 अप्रैल 2021/ कोविड संक्रमण पर नियंत्रण पाने के लिए महासमुंद जिले के लिए हर्ष का विषय है कि प्रदेश के 02 नवीन एवं महासमुंद एवं कांकेर में भी 30 अप्रैल से वाॅयरोलाॅजी लैब का शुभारंभ किया जा रहा है। प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री श्री टी.एस. सिंह देव द्वारा प्रातः 11ः00 बजे वर्चुवल प्रक्रिया के माध्यम से दोनों जिलों में वाॅयरोलाॅजी लैब प्रारंभ करेंगे।
कोविड परीक्षण हेतु वाॅयरोलाॅजी लैब एक विशिष्ठ प्रक्रिया हैं ऐसे लैब के स्थापना हेतु एम्स रायपुर तथा आईसीएमआर दिल्ली की स्वीकृति की आवश्यकता होती है। महासमुंद एवं कांकेर जिलें में वाॅयरोलाॅजी लैब की स्थापना करने हेतु आईसीएमआर दिल्ली से स्वीकृति प्राप्त हो गई है। अब दोनों जिलों के जनमानस को त्वरित ही कोविड जांच रिपोर्ट मिल जायेगी तथा संक्रमित मरीजों को जल्द-जल्द आईसोलेट किया जा सकेगा साथ ही साथ समय पर ईलाज भी प्रारंभ किया जा सकेगा।
वाॅयरोलाॅजी लैब एक विशिष्ठ प्रक्रिया से संचालित होता है, जिसमें वायरस के सैंम्पल से संभावित मरीजों के सैंम्पल का लाईसिस किया जाता है तत्पश्चात् आरएनए को बाहर निकाला जाता है फिर उस आरएनए से आरटी-पीसीआर प्रक्रिया किया जाता है। इस प्रक्रिया के माध्यम से वायरस का पहचान किया जाता है। इस पूरी प्रक्रिया को पूर्ण करने के लिए माईक्रोबाॅयलाॅजिस्ट, सीनियर सांईटिस्ट, जुनियर सांईटिस्ट लैब टेक्निशियन एवं लैब अटेंडेट की आवश्यकता होती है ऐसे लैब एक मानक मापदण्डों के अनुरूप संचालित किया जाता हैं।
प्रदेश में वायरोलाॅजी लैब का संचालन एम्स रायपुर के द्वारा सभी शासकीय चिकित्सा महाविद्यालयों रायपुर, बिलासपुर, रायगढ़, राजनांदगांव, जगदलपुर, अंबिकापुर में संचालित किया जा रहा है। वर्तमान समय में कोविड-19 वैश्विक महामारी के संक्रमण को नियंत्रण करने के लिए टेस्टिंग एक महत्वपूर्ण रणनीति हैं। साथ ही साथ कांटेक्ट ट्रेसिंग व ट्रीटमेंट की भी भूमिका महत्वपूर्ण होती है। प्रदेश के नवीन चिन्हांकित जिलों महासमुंद, कांकेर, कोरबा, कोरिया, जशपुर, जांजगीर, दुर्ग, दंतेवाड़ा एवं बलौदाबाजार में स्थापना कार्य प्रारंभ किया जाएगा।
वर्तमान में महासमुंद एवं कांकेर जिलें में प्रारंभ हो रहे वाॅयरोलाॅजी लैब का संचालन अधिष्ठाता, चिकित्सा महाविद्यालय के अधिन संचालित किया जावेगा। संबंधित लैब में सेवायें देने वाले लैब प्रभारी एवं सांईटिस्ट को संबंधित चिकित्सा महाविद्यालय के माध्यम से प्रशिक्षित किया जा चुका है। विषय-विशेषज्ञों के माध्यम से भी निरंतर सहयोग एवं मार्गदर्शन प्रदान किया जावेगा।
वर्तमान में एसडीआरएफ एवं डीएमएफ मद से मानव संसाधनों की भर्ती की स्वीकृति संचालक, संचालनालय, स्वास्थ्य सेवायें द्वारा दी गई है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के माध्यम से भर्ती प्रक्रिया पूर्ण कराई जा रही हैं। शासन स्तर से भी वाॅयरोलाॅजी लैब हेतु मानव संसाधनों की नियमित सेटअप की स्वीकृति दी गई है।
लोचन चौधरी की रिपोर्ट…