सारंगढ़

सूचना का अधिकार में लापरवाही आयोग ने जारी किया नोटिस

सारंगढ़ – सूचना के अधिकार अधिनियम के आवेदन के संबंध में जानकारी नहीं देने पर राज्य सूचना आयोग ने जनपद पंचायत सारंगढ़ प्रथम अपीलीय अधिकारी एवं ग्राम पंचायत मौहाढोडा सचिव जनसूचना अधिकारी को सुनवाई के संबंध में नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है।
जन सूचना अधिकारी समय पर नहीं देते जानकारी वैसे तो रायगढ़ जिले में सूचना का अधिकार अधिनियम का जमकर मखौल उड़ाया जाता है। जानकारी देने में जन सूचना अधिकारी हमेशा पीछे रहते हैं।यही वजह है कि सही समय पर जानकारी नहीं मिल पाता है और आरटीआई कार्यकर्ताओं को राज्य सूचना आयोग तक शिकायत करना पड़ता है एक ऐसा मामला रायगढ़ जिले के जनपद पंचायत सारंगढ़ के ग्राम पंचायत मौहाढोडा जन सूचना अधिकारी के पास जानकारी लेने आवेदन दिया था। पर जन सूचना अधिकारी अधिकारी ने जनपद पंचायत सारंगढ़ के ग्राम पंचायत मोहाढोडा में हुए भ्रष्टाचार की पोलखुल जाने के डर से जानकारी देने में आनाकानी की जिस पर आवेदन कर्ता ने प्रथम अपीलय अधिकारी जनपद पंचायत सारंगढ़ के पास प्रथम अपील दायर की परंतु जनपद पंचायत सारंगढ़ ने ग्राम पंचायत मौहाढोडा में व्याप्त भ्रष्टाचार की पोल खुलने के डर से जानकारी उपलब्ध नहीं कराई ना ही कोई सुनवाई की थक हार कर आरटीआई कार्यकर्ता ने छत्तीसगढ़ राज्य सूचना आयोग में शिकायत की जिसके बाद राज्य सूचना आयोग ने पूरे मामले में संज्ञान लेते हुए जनपद पंचायत सारंगढ़ एवं ग्राम पंचायत सचिव मौहाढोडा जन सूचना अधिकारी को पत्र जारी करते हुए संबंधित रिकार्ड सहित वीडियो कांफ्रेंसिंग में जिला मुख्यालय रायगढ़ में उपस्थित होने नोटिस जारी किया गया है ।सुनवाई के पूर्व जन सूचना अधिकारी को आयोग में लिखे जवाब प्रस्तुत करने को कहा।


अब देखना होगा राज्य सूचना आयोग के नोटिस के बाद क्या प्रथम अपीलीय अधिकारी जनपद पंचायत सारंगढ़ के जनसूचना अधिकारी सचिव मौहाढोडा चीर निंद्रा से उठकर जानकारी देते हैं।या फिर अब भी वह भ्रष्टाचार की बिस्तर पर चिर निद्रा में सोए रहते हैं।

संतोष जायसवाल शिकायतकर्ता के बयान


मेरे द्वारा 2016 में ग्राम पंचायत मौहाढोडा सचिव से जानकारी लेने आरटीआई लगाया था।जानकारी नहीं देने पर प्रथम अपीलय अधिकारी जनपद पंचायत सारंगढ़ में किया पर भ्रष्टाचार का उजागर होने के डर से जनपद पंचायत सारंगढ़ के जन सूचना अधिकारी ने मुझे जानकारी नहीं दी जिस पर मैंने राज्य सूचना आयोग को शिकायत भेजा जिस पर मैं जन सूचना अधिकारी एवं अपीलीय अधिकारी पर जुर्माना लगाने व मुझे जानकारी निशुल्क प्रदान करने की अपील किया है।

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