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मनरेगा अधिकारी/कर्मचारियो द्वारा अपनी मांगो को लेकर नायब तहसीलदार नरहरपुर को सौपा ज्ञापन

छत्तीसगढ़ में मनरेगा को प्रारंभ हुए 14 वर्ष पूर्ण हो चुके हैं, लंबी अवधि के पश्चात्
भी मनरेगा में अधिकारी
/कर्मचारी ग्राम पंचायत, जनपद, जिला, राज्य कार्यालय में अब तक संविदा/मानदेय
पर कार्यरत् है। मनरेगा अधिकारी कर्मचारियों का कहना है कि शिक्षाकर्मी इतने ही वर्षों में नियमित होकर ज्यादा वेतन ले रहे है तथा
मनरेगा में अधिकारी/कर्मचारी नियमित होने से वंचित हैं!


राज्य सरकार से विश्वास है, कि जैसे जन घोषणा पत्र के बाकी मांगो को पूरा किये हैं, वैसी
मनरेगा अधिकारी/कर्मचारी की मांगो को जन घोषणा पत्र अनुरूप पूरा करें।
छत्तीसगढ़ मनरेगा कर्मचारी
महासंघ की 07 सूत्रीय मांग इस प्रकार है:-
मनरेगा के सभी अधिकारी/कर्मचारियों को जन घोषण पत्र के आधार पर नियमितीकरण किया जावे ।
शिक्षाकर्मी की भांति पंचायतकर्मी सेवा शर्ते नियमावली 2008 को लागू करते हुए, हिमाचल प्रदेश के तर्ज


पर व सर्वोच्च न्यायलय के आदेशानुसार समान कार्य समान वेतन का प्रावधान किया जावें ।
दो वर्ष पूर्ण कर चुके अधिकारी/कर्मचारियों का प्रतिवर्ष सेवा वृद्धि का प्रावधान को बंद कर एकमुश्त
योजना पर्यन्त तक अथवा मध्यप्रदेश के तर्ज पर 62 वर्ष की सेवा सुनिश्चित किया जावें ।
मनरेगा के सभी अधिकारी/कर्मचारियों की भांति ग्राम रोजगार सहायकों का भी वेतन ग्रेड निर्धारित किया
एन.एच.एम. के तर्ज पर “मानव संसाधन निति” का निर्माण किया जावें, जिसमें मुख्यतः वार्षिक वेतन
वृद्धि, अवकाश निति, आकस्मिक मृत्यु पर अनुग्रह भुगतान एवं अनुकम्पा नियुक्ति का प्रावधान आदि का
समावेश किया जावे।
पांच वर्ष पूर्ण कर चुके अधिकारी/कर्मचारियों को ग्राम पंचायत /जनपद पंचायत/जिला पंचायत/राज्य में
समान पद में संविलियन किया जावें। साथ ही स्थानांतरण निति
निर्धारण किया जावे।


मनरेगा अंतर्गत संविदा अवधि में किये गये कार्य अनुभव वर्ष के आधार पर प्रतियोगिता परीक्षाओं में आयु
सीमा में छूट व रोजगार सहायक तर्ज पर अनुभव पर अंक प्रदाय किया जाए!

लाइव भारत 36 न्यूज़ से विनोद साहु

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